"Sudama Charit" ka natak Apne shabdon mein likhen
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पहली पंक्ति में यह कहा जा रहा है कि एक सिपाही आता है और कहता है कि प्रभु कोई आपके द्वार पर आया है जिसके सिर पर पगड़ी नहीं है उसकी धोती फटी हुई है और उसके पांव पर जूते नहीं है वह के द्वार पर खड़े होकर का नाम सुदामा बता रहा हैI
दूसरी पंक्ति में यह कहा जा रहा है कि कृष्ण ने जब सुदामा को देखा उसने उसको बहुत दुख हुआ और उसने देखा कि उसके पैर पर बहुत से कांटे थे उसने उसने पैर धोने के लिए पढ़त में पानी मंगवाया था पर उसने पानी को छुआ तक नहीं उसके आंखें इतने पानी गिरे क्योंकि पैर धूल गए I
तीसरी में यह कहा जा रहा है कि श्री कृष्णा अपने मित्र सुदामा से कहते हैं कि भाभी ने जो कुछ भी हमें दिया है वह तुम हमें दोगे नहीं क्या और छुपा के रख रहे हो हमें दो Iफिर फिर कृष्णा और सुदामा से कहते हैं कि तुम्हारी वह पहली वाली आदत अभी तक गई नहीं है पहले जब हम लकड़ियां चुने जाते थे तब गुरु माता ने हम दोनों को चने खाने के लिए दिए थे पर तुमने वह मुझे दिया ही नहीं तुमने खुद ही खा लिए थे और अब लगता है कि तुम उस मैं अभी निपुण हो गए हो I
पागलपंती में यह कहा जा रहा है कि श्रीकृष्ण ने बहुत हीबहुत ही आदर्श से उन्हें उन्हें बुलाया और खाना खिलाया और बहुत आदर सम्मान किया उनके पर जाने वक्त उसे कुछ भी नहीं दिया I
छठी पंक्ति में यह कहा जा रहा कि सुदामा को यह बात बहुत ही बुरी लगी उसने सोचा था कि कृष्णा उसके थोड़ा मदद कर देंगे और कृष्णा को जो उसने भेंट स्वरूप कुछ चावल दिए थे वह भी उन्होंने ले लिया और कुछ दिए भी नहीं बदले में और वह यह भी कह रहे हैं कि वैसे तो आदत सम्मान में कोई कमी नहीं थी पर वह तो आना ही नहीं चाहते थे पर उनकी पत्नी ने जोर जबस्ती उन्हें भेजा Iफिर वह यही सब सोचते रहे और सोचते सोचते हो कहां चले उन्हें पता नहीं चला वह सब से पूछते हैं कहां उनकी झोपड़ी है और वे यह भी सोच रहे थे कि वह फिर वह दोबारा घूम फिर के फिर द्वारका ही नहीं आ गए I
अंतिम पंक्ति में यही कहा जा रहा है कि पहले तो उनके पास उनके जूती पास नहीं होती थी चलने के लिए पर अभी चलने की आवश्यकता है जहां पर घूमने जाती महावत के सामने खड़ा है पहले उन्हें कहा सोने के लिए कठोर भूमि मिलती थी पर अभी प्रभु की कृपा से उन्हें कोमल बिस्तर पर सोने के लिए मिलता है पर अभी उन्हें नींद नहीं आती है उन्हें आने के लिए चावल नहीं मिलते अभी प्रभु की कृपा से मुनक्का खाने के लिए मिलता है पर फिर भी खुश नहीं है I
I know it's too long
but I hope you understand