Summary of ch 16 vasant ncert class 7️⃣. I don't want any e-book things
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यशोदा मइया श्री कृष्ण को जगाते हुए कहती है की मेरे प्यारे ,मेरे बाँसुरी बजाने लाल अब उठ जाओ देखो रात बीत गई है भोर हो गई सभी के घरों के द्वार खुले है। गोपियां दही मथ रही है उनके कंगन के झंकारे यहां तक सुनाई पड़ रही है। जल्दी उठो देखो देवता मनुष्य द्वार पर खङे है। सभी ग्वाले खेल रहे है , माखन रोटी ले कर तुम्हारे संग गायों को चराने ले जाने की प्रतीक्षा कर रहे ।मीरा के प्रभु हम तुम्हारे सरण आए हैं।
लेखिका कहती है की जब सावन में बादल में बरसात है तो मेरे मन को बहुत भाता है। सावन में मेरा मन प्रफुल्लित हो उठा जब मैंने हरि के आने की खबर सुनी है । उमङ -घुमङकर चारों तरफ से बादल पानी बरसाने के लिए इकट्ठा हो गए। बादल नन्ही नन्ही पानी के बूंदें बरसा रहे हैं और सुहानी शीतल हवा बह रही है। मीरा केप्रभु तुम्हारे लिए आनं मंगल गाऊं।
लेखिका कहती है की जब सावन में बादल में बरसात है तो मेरे मन को बहुत भाता है। सावन में मेरा मन प्रफुल्लित हो उठा जब मैंने हरि के आने की खबर सुनी है । उमङ -घुमङकर चारों तरफ से बादल पानी बरसाने के लिए इकट्ठा हो गए। बादल नन्ही नन्ही पानी के बूंदें बरसा रहे हैं और सुहानी शीतल हवा बह रही है। मीरा केप्रभु तुम्हारे लिए आनं मंगल गाऊं।
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