summary of chapter tisri kasam ke silpkar
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'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' पाठ के अंतर्गत सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेंद्र जी और उनके द्वारा निर्मित फ़िल्म 'तीसरी कसम' की विशेषताओं का उल्लेख किया गया है। इस पाठ के रचियता प्रहलाद अग्रवाल हैं। शैलेंद्र जी एक बेहतरीन गीतकार थे। तीसरी कसम फ़िल्म को बनाने के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व लुटा दिया। यह एक फ़िल्म नहीं थी बल्कि एक साहित्यिक कृति थी। उन्होंने पूरी ईमानदारी और लगन से इस फ़िल्म को बनाया था। उनकी लगन का ही फल था कि इस फिल्म की देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रशंसा की गई। इसे अनगित देशी-विदेशी पुरस्कार भी मिले। शैलेंद्र जी की उत्कृष्ट कृति थी, तीसरी कसम।
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'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' पाठ के अंतर्गत सुप्रसिद्ध गीतकार शैलेंद्र जी और उनके द्वारा निर्मित फ़िल्म 'तीसरी कसम' की विशेषताओं का उल्लेख किया गया है। इस पाठ के रचियता प्रहलाद अग्रवाल हैं। शैलेंद्र जी एक बेहतरीन गीतकार थे। उनके गीत आज भी उसी उत्साह के साथ सुने जाते हैं, जो पहले सुने जाते थे। उनकी फ़िल्म भी उनके गीतों की तरह ही बेहतरीन थी। इस फ़िल्म में राजकपूर और वहीदा रहमान जैसे चर्चित कलाकारों ने अभिनय किया था। इस फिल्म को प्रसिद्ध लेखक फणीश्वर नाथ रेणु ने लिखा था। तीसरी कसम फ़िल्म को बनाने के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व लुटा दिया। यह एक फ़िल्म नहीं थी बल्कि एक साहित्यिक कृति थी। उन्होंने पूरी ईमानदारी और लगन से इस फ़िल्म को बनाया था। उनकी लगन का ही फल था कि इस फिल्म की देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रशंसा की गई। इसे अनगित देशी-विदेशी पुरस्कार भी मिले। लेकिन भारतीय सिनेमा की यह विडंबना देखिए कि यह फ़िल्म दर्शकों द्वारा उस समय नकार दी गई थी। यह फ़िल्म सिनेमा खिड़की में दर्शकों की भीड़ जुटाने में कामयाब नहीं हो पाई हो। परन्तु इसने जितनी वाहवाही बटोरी है, वह कुछ गिनी-चुनी फ़िल्मों ही हासिल कर पाई है। शैलेंद्र जी की उत्कृष्ट कृति थी, तीसरी कसम। उन्होंने भारतीय सिनेमा को यह अनुपम कृति दी, उसका हम सदैव धन्यवाद करेंगे।
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