Hindi, asked by m9aanchan6it, 1 year ago

summary of ek phul ki chah

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Answered by Bhriti182
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एक फूल की चाह अछूत वर्ग के साथ हो रहे भेदभाव की कविता है। लेखक सुखिया व उसके पिता के माध्यम से इस वर्ग के दर्द को दर्शा रहे हैं। सुखिया एक अछूत कन्या है। उसके पिता की वह एकमात्र सन्तान है। एक बार उनके गाँव में महामारी का प्रकोप फैल गया था। यह महामारी बच्चों को अपना ग्रास बना रही थी। सुखिया भी इस महामारी का शिकार बन गई। वह अपने पिता से अपने गाँव के सबसे बड़े मन्दिर से माता का प्रसाद स्वरुप एक फूल लाने का निवेदन करती है। उसके पिता सुखिया की इस इच्छा से दुविधा में पड़ जाते हैं क्योंकि वह नीची-जाति के हैं और जो मंदिर है, वह ऊँजी जाति के लोगों का है। पुत्री की इस इच्छा को पूरा करने के उद्देश्य से वह छुपते-छुपाते उस मंदिर में से माता का प्रसाद लेने में सफल हो जाते हैं। पिता बहुत प्रसन्न होता है लेकिन उसकी यह प्रसन्नता ज्यादा देर तक नहीं रह पाती और वह पकड़ा जाता है। मंदिर में उपस्थित सारे लोग उसकी पिटाई करते हैं व उसे दण्ड स्वरुप सात दिन की कारावास की सजा सुनाई जाती है। जब वह कारावास से लौटकर आता है तो उसकी पुत्री महामारी का ग्रास बन चुकी होती है। उसे अपनी पुत्री के अन्तिम दर्शन भी नहीं होते। कवि सुखिया के पिता के माध्यम से यह प्रश्न समाज के समाने रखते हैं की जब सारी सुष्टि का निर्माण भगवान ने किया है, उसके लिए सब मनुष्य बराबर हैं तो हम कौन होते हैं उसे ऊँच-नीच के बंधनों में डालने वाले। हमें यह अधिकार किसने दिया है जो हम भगवान के मंदिर में किसी को प्रवेश करने से रोकें।
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Answered by geetika3
3
ek phool ki chah kavita mukhyatah hamare desh ke achoot samaj ko darshati hai.
is kavita me ek choti si bachhi sukhiya is bimari se grasit ho jati hai aur apne pita se devi maa ke charno me arpit kiya gaya ek phool maangti hai.uske pita is sooch me pad jate hai ki vaha achoot ho kar kaise mandir me jayenge aur kaise prashad layenge.prantu beti ki ichha puri karne ke lie vaha vishal devi maa ke mandir me jate hai. vaha phochne ke baad ve devi maa ka prashad bhi le aate hai parantu vaha devi maa ke anya bhakto ki nazro me khatakte hai aur ve use maarne lagte. sukhya ke pita ko isi vajah se nyayalaya le jaya jata hai aur saat din ka dand bhi bhugatna padta hai.unhe jail me ek ek din ek ek varsh se saman lagta hai.jab vaha jail se choot te hai to vaha apne ghar jate hai parantu unhe sukhiya nahi milti.unhe pata chalta hai ki unke rishtedar sukhiya ka antim sanskar pehle hi kar chuke hai. vo vaha jata hai aur sukhiya ko raakh ke roop me pata hai.vaha bhot dukhi hota hai ki vaha apni bachhi ki antim ichha bhi puri nhi kar saka.

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