English, asked by varnisree, 7 months ago

summary of lesson kushboo rachte haath in hindi​

Answers

Answered by radhikagoyal336
5

Answer:

अगरबत्ती का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति करता है। अगरबत्ती हालाँकि पूजा पाठ में इस्तेमाल होती है लेकिन इसकी खुशबू ही शायद वह वजह होती है कि लोग इसे प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। इस कविता में कवि ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के यथार्थ के बारे में बताया है जो खुशबू से कोसों दूर है। अगरबत्ती का कारखाना अकसर किसी तंग गली में, नालों के पार और बजबजाते कूड़े के ढेर के समीन होता है। ऐसे स्थानों पर कई कारीगर अपने हाथों से अगरबत्ती को मूर्त रूप देते हैं।

अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही की डाल की तरह होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और जख्म से फटे हुए भी होते हैं।

इसी तंग गली में पूरे देश की मशहूर अगरबत्तियाँ बनती हैं। उस गंदे मुहल्ले के गंदे लोग (गरीब लोग) ही केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी के खुशबू वाली अगरबत्तियाँ बनाते हैं। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है।

Answered by DisneyPrincess29
7

Answer:

अगरबत्ती का इस्तेमाल लगभग हर व्यक्ति करता है। अगरबत्ती हालाँकि पूजा पाठ में इस्तेमाल होती है लेकिन इसकी खुशबू ही शायद वह वजह होती है कि लोग इसे प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। इस कविता में कवि ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के यथार्थ के बारे में बताया है जो खुशबू से कोसों दूर है। अगरबत्ती का कारखाना अकसर किसी तंग गली में, नालों के पार और बजबजाते कूड़े के ढेर के समीन होता है। ऐसे स्थानों पर कई कारीगर अपने हाथों से अगरबत्ती को मूर्त रूप देते हैं।

अगरबत्ती बनाने वाले कारीगरों के हाथ किस्म किस्म के होते हैं। किसी के हाथों में उभरी हुई नसें होती हैं। किसी के हाथों के नाखून घिसे हुए होते हैं। कुछ बच्चे भी काम करते हैं जिनके हाथ पीपल के नये पत्तों की तरह कोमल होते हैं। कुछ कम उम्र की लड़कियाँ भी होती हैं जिनके हाथ जूही की डाल की तरह होते हैं। कुछ कारीगरों के हाथ गंदे, कटे-पिटे और जख्म से फटे हुए भी होते हैं।

इसी तंग गली में पूरे देश की मशहूर अगरबत्तियाँ बनती हैं। उस गंदे मुहल्ले के गंदे लोग (गरीब लोग) ही केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी के खुशबू वाली अगरबत्तियाँ बनाते हैं। यह एक विडंबना ही है कि दुनिया की सारी खुशबू उन गलियों में बनती है जहाँ दुनिया भर की गंदगी समाई होती है।

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