summary of majboori by mannu bhandari in hindi summary of akeli by mannu bhandari in hi summary of majboori by ma summary of akeli by mannu bhandari in hi
Answers
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित ‘मजबूरी’ कहानी का सारांश...
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित ‘मजबूरी’ कहानी एक ऐसी बूढ़ी स्त्री की कहानी है, जो अकेली रहती है। ये एक पारिवारिक कहानी है, जिसमें एक बूढ़ी अम्मा का अपने बेटे और पोते के प्रति प्रेमभाव को दिखाया गया है। कहानी की मुख्य पात्र एक दादी अम्मा हैं, जो अपने जीवन में एकाकीपन से त्रस्त हैं। कभी-कभी उनके बेटे बहू होते आदि उनके पास रहने के लिए आते हैं तो कुछ समय के लिए उन्हें एकाकीपन से मुक्ति मिल जाती है।
एक बार उनके बेटे-बहू अपनी दूसरी संतान होने पर अपनी पहली संतान को अर्थात दादी अम्मा के पोते को उनके पास छोड़ जाते हैं। पोते के कारण दादी अम्मा के जीवन में रंग आ जाते हैं और वह पोते का लाड-प्यार से पालन-पोषण में व्यस्त हो जाती हैं। अधिक लाड-प्यार के कारण पोते की आदते बिगड़ने लगती हैं और वह गलत संगत में पड़ जाता है। ऐसी स्थिति में उनकी बहू रमा उनके पास से अपने बेटे को वापस ले जाती है और अम्मा फिर से अकेली रह जाती हैं। लेखिका ने कहानी के माध्यम से उनकी इसी व्यथा को उकेरा है।
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित ‘अकेली’ कहानी का सारांश...
मन्नू भंडारी द्वारा लिखित ‘अकेली’ कहानी भी एक अकेली रहने वाली बूढ़ी और परित्यक्ता स्त्री के बारे में है। यह वृद्ध स्त्री सोमा बुआ लगभग 20 सालों से अकेली रहती है। उनके एकमात्र पुत्र की बहुत समय पहले असमय मृत्यु हो गई थी और उनके पति पुत्र वियोग के कारण सन्यासी बन गए। इस तरह वह सन्यासी बन कर भटकने लगे और महीने में कभी-कभार ही घर आते।
सोमा बुआ अब एकदम अकेली पड़ गई की और अपना जीवन जैसे तैसे आस पड़ोस वालों के सहयोग से काट रही थीं। एकदम एकाकीपन वाला जीवन जीने के कारण वह दुखी हो चुकी थीं। लोगों ने उन्हें अपने सुख-दुख के कार्यक्रमों में बुलाना भी बंद कर दिया था उनके पति कभी-कभी घर आते और उन पर दबाव डालते कि उनकी अनुमति के बिना बिना बुलाए कहीं पर भी ना जाए और इस कारण सोमा बुआ को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
एक बार उनके किसी रिश्तेदार की शादी शहर में होने के कारण उन्हें उम्मीद थी कि उनका वह रिश्तेदार वह उन्हें अपने शादी समारोह में अवश्य बुलाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और निमंत्रण ना मिलने पर वह बेहद दुखी हो जाती हैं। वह शादी के दिन तक शादी के निमंत्रण का इंतजार करती रहती हैं और उन्हें सहज विश्वास नहीं होता कि लोग अब उनसे इतना दूर हो चुके हैं कि उन्हें बुलाना जरूरी नही समझते।
इस कहानी के माध्यम से मन्नू भंडारी ने अकेली रह रही उस परित्यक्ता स्त्री की मनोदशा को प्रकट किया है, जो सामाजिक मेलमिलाप में यकीन रखती है, लेकिन समाज के लोग एक परित्यक्ता स्त्री होने के कारण उसे नही बुलाना चाहते।
Answer:
Explanation:
please refer above answer..................................