summary of poem varsha bahar
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वर्षा बहार
Explanation:
वर्षा ऋतु के आने से सभी जीव जंतु,पेड़ पौधे,
मनुष्य आदि बोहोत ही आनंदित ही जाते हैं।
ठंडी हवा बहने लगती है।
सब डालियाँ हिलती है।
मालिनें अब बागों में गीत सुन्दर गाती हैं
तालों में मछलियां और अन्य जल जीव अति प्रसन्न होते हैं।
फिरते पपीहे भी भीषण गर्मी से राहत पाते हैं देखो ये मोर वन में नृत्य करते हैं ।
मेंढ़क सुगीत गाकर बेहद खुश हैं।
हवाओं में फूलों को खुशबू उड़ रही है।
बागों खूब सुख से आमोद छा रहा है
हंस भी बेहद खुश हैं।बरखा ऋतु के आजने से
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कविता 1 वर्षा-बहार
कविता के आधार पर वर्षा की बहार का वर्णन कीजिए?
उत्त: वर्षाबहार सबको आनंदित करती है। जब वर्षा आती है उस समय वातावरण बहुत सुंदर हो जाता है।ठंडी हवाएं चलती हैं, पेड़ों की डालियां हिलने लगती हैं, जीव-जंतु बहुत खुश हो जाते हैं, धरती का वातावरण उल्लासमय में हो जाता है, किसान मधुर गीत गाते हैं, इस तरह धरती की शोभा वर्षाबहार पर निर्भर होती है।
वर्षा को बहार बनाने में कौन-कौन योगदान दे रहे है?
उत्त:- वर्षा को बाहर बनाने में बादल गरज कर, बिजली चमक कर, ठंडी हवाओ द्वारा डालियों को हिलाकर, गुलाब का अपनी खुशबू फैलाकर, किसानों द्वारा मधुर गीत गाकर अपना योगदान दिया जा रहा है।
वर्षा के आने पर चहु ओर आनंद सा क्यों छा जाता है?
उत्त:- वर्षा आने के पहले वातावरण बहुत गर्म होता है। नदी- नाले सुख जाते है, गरम हवाएं शरीर को झुलसा देती है।पानी के अभाव में मनुष्य एवं प्राणी परेशान हो जाते है।बरसात का आगमन इन सभी परेशानियों से छुटकारा दिला देती है।चारों तरफ हरियाली छा जाती है, वातावरण बहुत ठंडा हो जाता है।
भाव स्पष्ट कीजिए:-
नभ में छठा अनूठी घनघोर छा रही ।
उत्त:- पानी से भरे काले बादलों ने आकाश को घेर लिया है कहीं बिजली चमक रही है कहीं बादलों के गरजने की आवाज आ रही है, इससे आकाश में एक अनोखा दृश्य उपस्थित हो गया है।
बागों में खूब सुख से आमोद छा रहा है ।
उत्त:- बागों में लगे गुलाब खिल रहे हैं, उनकी खुशबू चारों ओर फैल रही है, जो वातावरण को बहुत सुगंधित बना रही है। माली ने गीत गाती हुई फूलों को तोड़ रही हैं, हर तरफ हरियाली छा गई है एवं वातावरण बहुत सुंदर एवं मनोरम हो गया है।