Hindi, asked by Ruhash0aini, 1 year ago

Summary of poem yamraj ki disha full

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Answered by sweety105
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jani kheye hai ki onkiMaa Jo kehti this oh abhi Bhai hai aj mritu kisi bhi Taraf see a Sakti hai or dakhshin ki lagna asambabh hai or mritu ki disha badal gayi hai. dakhshin nahi hai
Answered by Anonymous
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यमराज की दिशा नामक कविता में चारो और फैलती विनाशकारी और शोषक शक्तियो की और संकेत किया गया है । कवि की माँ कवि को बताया करती थी की वह ईश्वर से बात करती है । ईश्वर ने उसे बताया था की यमराज दक्षिण दिशा में रहता है ।

अतः दक्षिण की तरफ पैर करके कभी मत सोना । यमराज मृत्यु का देवता है। अगर दक्षिण की तरफ पैर करके सोये तो यमराज क्रुद्ध हो जाएगा और यमराज को क्रोधित करना अच्छा नहीं होता । कवि ने ऐसा ही किया ।

ऐसा करने से कवी को लाभ भी हुआ । यह लाभ था की वह कभी भी दिशा नहीं भुला । वह यमराज का घर देखना चाहता था । वह दक्षिण दिशा में दूर दूर तक भी गया । पर अफ़सोस वह कभी भी दक्षिण दिशा के छोर तक नहीं पहुँच सका ।
क्योंकि दक्षिण दिशा अनंत है ।

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