Hindi, asked by virenderagg092, 8 months ago

Summary of totochan book in hindi​

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Answered by Anonymous
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Answer: इस स्कूल में हर दिन टिफिन के बाद कोई बच्चा सबके बीच खड़ा हो भाषण देता था। हेडमास्टर जी के मुताबिक, ‘शिक्षा में लिखित शब्द पर ज्यादा जोर गलत है। इससे बच्चे का ऐंद्रिय-बोध, सहज ग्रहणशीलता और अंतर्मन की आवाज सब क्षीण हो जाते हैं, जो प्रेरणा के स्रोत बन सकते हैं। आँखें तो हों पर सौंदर्य दिखे ही नहीं, कान हों पर संगीत सुनाई न दें, दिमाग हो पर सत्य अबूझा ही रह जाए, दिल हो पर ना वह दहले, ना ही दहके- इन्हीं सब स्थितियों से डरना चाहिए।’

हेडमास्टर जी ने रेल के डिब्बे में बने पुस्तकालय को दिखाते हुए कहा था- ‘यह है तुम्हारा पुस्तकालय। कोई भी बच्चा किसी भी किताब को पढ़ सकता है। जो अच्छा लगे, पढ़ो। तुम सब जितना ज्यादा पढ़ सको, पढ़ो।’ बच्चे इस ढंग से प्रशिक्षित होते थे कि वे अपना काम पूरी तन्मयता के साथ करें, चाहे आस-पास कुछ भी होता रहे। ताल व्यायाम के जरिए शरीर को काम में लाने और नियंत्रित रखने का दिमाग को प्रशिक्षण दिया जाता था। जिससे पूरा व्यक्तित्व लयात्मक, सुंदर और बलिष्ठ हो सके। आत्मा व शरीर की सुसंगति हो। और अंततः कल्पनाशीलता और रचनात्मकता का विकास हो।

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