summary of veero ka kaisa ho vasant pls answer me fast
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फूली सरसों अर्थात लहलहाते फसलों ने वीरों के जीवन में रंग भरते हैं। आसमान मानो पुष्परस लेकर आया हो। बसंत के रंगों से दुलहन बनी धरती का अंग-अंग पुलकित यानी प्रसन्न हो रहा है। परंतु उसका कत यानी पति/प्रिय वीर की वेशभूषा में है यानी वह युद्ध के लिए तैयार खड़ा है और फिर यही प्रश्न खड़ा हो जाता है कि वीरों का वसंत कैसा हो.
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