Summary poos ki रात in hindi by premchand
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प्रेमचंद द्वारा रचित पूस की रात कहानी का सारांश लिखिए।
प्रेमचंद द्वारा रचित पूस की रात कहानी का सारांश निम्न प्रकार से लिखा गया है।
- पूस की रात मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित निबंध है, इस कहानी में प्रेमचंद जी ने भारतीय किसानों की मार्मिक स्थिति का वर्णन किया है।
- हल्कू एक गरीब किसान है। उस पर अपने मालिक के पैसे बकाया है।
- हल्कू तथा उसकी पत्नी मेहनत करके अपने खेतों में काम करके जो भी कमाते है, उसका अधिकांश हिस्सा उसके मालिक के पास जाता है , उन्होंने मालिक से उधार लिया था जिसे न चुका पाने के बाद ब्याज की दर इतनी बढ़ गई थी कि हल्कू को लगता था कि वह पूरा कर्ज नहीं चुका पाएगा।
- पैसे की मांग करते हुए सहना हल्कू के घर के बाहर इंतजार करती है।
- सर्दी से बचने के लिए एक नया कंबल खरीदने के लिए हल्कू किसी तरह तीन रुपये बचाने में कामयाब रहा क्योंकि अपने खेत की देखभाल करते समय उसे रात में एक भारी कंबल की जरूरत होती है। उसकी पत्नी मुन्नी इतनी मुश्किल से बचाए हुए पैसे देने से इंकार कर देती है लेकिन हल्कू कहता है कि ठंडी रातें मालिक की प्रताड़ना से बेहतर है। वह पैसे सहना को दे देता है।
- सर्द रात में और अंधेरी रात में हल्कू अपने खेत में पहुँच जाता है तथा वह खोई से बनी छप्पर के नीचे एक खाट पर बैठ जाता है।
- सर्दी उसके लिए असहनीय हो जाती है तब अचानक हल्कू याद आता है कि उनके खेत से कुछ दूरी पर आम का बाग है तथा वहां लत आम के सूखे पत्तों से वह आग जलाकर अपनी सर्दी से राहत पा सकता है।
- वह आम के बाग में सुखद पत्ते इकट्ठे कर आग जलाता है तथा इतना खुश होता है कि वह खेतों की रखवाली करना भूल जाता है।
- उसे गहरी नींद अा जाती है, उसके खेत में नील गाएं आकर खेत को नष्ट कर देती है, कुत्ते भी अा जाते है, सुबह होने पर उस अपनी पत्नी के चिल्लाने की आवाज से जाग होती है किन्तु वह खुश है क्योंकि सर्द रातों में उसे खेत की रखवाली नहीं करनी पड़ेगी।
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