Hindi, asked by s14144aishwar15706, 4 months ago

Suni Chalne Ke Liye Kisika Sahara Lati thi​

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Answered by SimplifiedKakasha
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Answered by singhlakhjinder281
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ये मज़दूर का हाथ है कात्या, लोहा पिघलाकर उसका आकार बदल देता है! ये ताकत ख़ून-पसीने से कमाई हुई रोटी की है. मुझे किसी के टुकड़ों पर पलने की जरूरत नहीं.

– काशी, घातक (1996)

#2. चड्‌ढा, समझाओ.. इसे समझाओ. ऐसे ख़िलौने बाज़ार में बहुत बिकते हैं, मगर इसे खेलने के लिए जो जिगर चाहिए न, वो दुनिया के किसी बाज़ार में नहीं बिकता, मर्द उसे लेकर पैदा होता है. और जब ये ढाई किलो का हाथ किसी पर पड़ता है न तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है.

– गोविंद, दामिनी (1993)

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