Hindi, asked by anmolraj80, 7 months ago

sur das ke baal varnan ki visheshtaye bataye in sur ke pad of sahitya sagar icse class 10​

Answers

Answered by shriyakodesia2005
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Answer:

सोभित कर नवनीत लिए।

घुटुरुनि चलत रेनु-तन-मंडित, मुख दधि लेप किए।।

चारू कपोल, लोल लोचन, गोरोचन-तिलक दिए।

लट-लटकनि मन मत्त मधुप-गन, मादक मधुहिं पिए।।

कठुला-कंठ, वज्र केहरि-नख, राजत रुचिर हिए।

धन्य सूर एको पल इहिं सुख, का सत कल्प जिए।।

किलकत कान्ह घुटुरूवनि आवत।

मनिमय कनक नंद कैं आँगन, बिम्ब पकरिबैं धावत।।

कबहुँ निरखि हरि आपु छाँह कौं, कर सौं पकरन चाहत।

किलकि हंसत राजत द्वै दतियाँ, पुन-पुन तिहिं अवगाहत।।

कनक-भूमि पर कर-पग-छाया, यह उपमा इक राजति।

प्रतिकर प्रतिपद प्रतिमान वसुधा, कमल बैठकी साजति।।

बाल-दसा-सुख निरखि जसोदा, पुनि-पुनि नंद बुलावति।

अंचरा तर लै ढांकि, सूर के प्रभु कौं दूध पियावति।।

जसोदा हरि पालने झुलावै

हलरावै दुलराइ मल्हावै, जोइ सोइ कछु गावै।।

मेरे लाल को आउ निदरिया, काहे न आनि सुवावै।

तू काहे न बेगि ही आवै, तोको कान्ह बुलावै।।

कबहु पलक हरि मूँद लेत हैं, कबहुँ अधर फरकावै।

सोवत जानि मौन ह्वैरहि-रहि, करि-करि सैन बतावै।।

इति अन्तर अकुलाइ रहे हरि, जसुमति मधुरै गावै।

जो सुख 'सुर' अमर मुनि दुर्लभ, सो नंदभामिनि पावै।।

मैया मोहि दाऊ बहुत खिझायो।

मोसों कहत मोल को लीनो, तू जसुमति कब जायो।

कहा कहौं यहि रिस के मारे, खेलन हों नहि जातु

पुनि-पुनि कहत कौन है माता, को है तुम्हरो तातु।।

गोरे नन्द जसोदा गोरी, तुम कत स्याम सरीर।

चुटकी दै-दै हंसत बाल सब सिखै देत बलबीर।।

तू मोही को मारन सीखी, दाउहिं कबहू न खीझै।

मोहन कोमुखरिससमेत लखि, जसुमति सुनि सुनि रीझै।।

सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई, जनमत ही कौ धूत।

'सूरस्याम' मो गोधन की सौं हौं माता तू पूत।।

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