Hindi, asked by NanduD6368, 1 year ago

Surahi aur pani ka samvad in Hindi

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Answered by sagar242
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काका, घड़े सुराही का जल,
कैसे शीतल हो जाता?
वही धातु के बरतन में तो,
कभी न शीतल हो पाता?
काका बोले, घड़े सुराही,
बलु ही मिट्‍टी से बनते
इसीलिए उनमें अति छोटे,
छेद बहुत से हैं रहते।
जब हम घड़े-सुराही को जल,
से पूरा भर देते हैं
तो जल कर इन सुराखों से,
बाहर तक आ जाते हैं।
हवा और गरमी बाहर की,
असर किया करती इन पर
जिससे वाष्पीकरण होता,
घड़े-सुराही के तल पर।
वाष्पीकरण में कुछ गरमी,
जल की खर्च हुआ करती
किन्तु सुराही अधमकु चालक,
नहीं उसे मिलने देती।
भाप स्वयं बनने में जलकण,
गुप्त ताप ले लेते हैं
शेष बचे पानी को ऐसे,
शीतल भी कर देते हैं।
यही किया होती रहती है,
पानी भाप बना करता
ताप निकल जाने से पानी,
शीतल अति होता रहता,
किंतु धातु है उष्मा चालक ,
उसमें छेद नहीं होते
इसीलिए उसके बरतन से,
गरम-गरम पानीपीते।
Answered by bhatiamona
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सुराही और पानी का संवाद

आयुष:पियूष में इस बार नानी के गाँव गया वंहा पे मैंने देखा वो सब ठंठा पानी पिने के लिए सुराही का प्रयोग करते है।

पियूष: आयुष ये बताओ , सुराही होती क्या है।  

आयुष: सुराही एक मिटटी का बर्तन होता है जिसमे पानी भर के रखते है इसमें पानी ठंठा रहता है।  

पियूष: और पानी का स्वाद कैसा होता है।  

आयुष: सुराही में पानी का स्वाद बहुत मीठा और साफ होता है ये मिटी कन्नो को सोख लेता है।

पियूष: शहर में मिल जायगी क्या मुझे मन कर रहा इसे देखने का।

आयुष: मिल जायगी, सुराही में पानी की ख्श्बू बदल जाती है।  

पियूष: वाह मिट्टी सुराही, एक प्राकृतिक फ्रिज है।

आयुष:सही कह रहे हो।

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