Hindi, asked by njpyhshakya9756, 1 year ago

Surdas Ke Bhav Paksh ki visheshta ka ullekh kijiye

Answers

Answered by anay444
1

iska ullekh hai ki surdas bhav paksh

acha hai

Answered by babusinghrathore7
4

भाव पक्ष की दृष्टि से सूरदास का काव्य दो रुपों में सामने आता है। प्रथम है वल्लभाचार्य से भेंट होने से पूर्व की  रचनायें। इनमें विनय दीनता उद्धार की प्रार्थना जैसे भावों की प्रधानता है। जैसे  -

"मेरो मन अनत कहां सुख पावै,  

जैसे उड़ि जहाज को पंछी फिरि जहाज पे आवै। "

तथा

"अबकि राखि लेहू भगवान ।

हौ अनाथ बैठ्यौ द्रुम डरिया पारधि साधे बान।। "

आदि ऐसी ही रचनाएं है

द्वितीय स्वरुप में वात्सल्य, सखाभाव और माधुर्य रचनाएं आती है। वात्सल्य के तो सूर एकछत्र सम्राट है। सखाभाव में वह अपने इष्ट श्रीकृष्ण की सभी लीलाओं के साक्षी है और प्रेम माधुर्य रचनाओं में उनको नारी हृदय प्राप्त होने की बात पर विश्वास करना पड़ता है।

            भ्रमरगीत वियोगी नारी हृदय की विविध धाराओं में प्रवाहित अन्तर्गान है। गोपियों की मार्मिक उक्तियां कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेमभाव, सूर के भाव वैभव का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

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