suryadaya and suryasth ka anubhuva
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सूर्योदय
सूर्योदय के समय सारा आकाश सिंदूरी रंग का हो जाता है। सूर्य स्वयं स्त्री की बिन्दी के समान लाल आभा लिए हुए होता है। ठंडी हवा सूर्योदय के सौंदर्य को और बढ़ा देती है। पक्षी अपने घोसलों से निकलकर मीठा स्वर निकालना आरंभ कर देते हैं। मानो कह रहे हों कि सूर्योदय हमारे लिए जीवन की नई किरण लेकर आया हो।
सूर्यास्त
सूर्यास्त के समय सभी पक्षी घोसलों में जाना प्रारंभ कर देते हैं। वह दिनभर की थकान को निकालने के लिए तैयार हो जाते हैं। आकाश में लाल, पीले तथा संतरी रंग बिखर जाते हैं। दूर से अस्त होता सूर्य भगवान के मस्तक के पीछे बने चक्र के समान प्रतीत होता है। शाम घिर आती है और आकाश सिलेटी रंग का होने लगता है। सूर्य का आकार बहुत बड़ा दिखाई देने लगता है तथा उसे नंगी आँखों से देखने में परेशानी नहीं होती है। समुद्र तट पर सूर्यास्त का नज़ारा देखते ही बनता है।
सूर्योदय के समय सारा आकाश सिंदूरी रंग का हो जाता है। सूर्य स्वयं स्त्री की बिन्दी के समान लाल आभा लिए हुए होता है। ठंडी हवा सूर्योदय के सौंदर्य को और बढ़ा देती है। पक्षी अपने घोसलों से निकलकर मीठा स्वर निकालना आरंभ कर देते हैं। मानो कह रहे हों कि सूर्योदय हमारे लिए जीवन की नई किरण लेकर आया हो।
सूर्यास्त
सूर्यास्त के समय सभी पक्षी घोसलों में जाना प्रारंभ कर देते हैं। वह दिनभर की थकान को निकालने के लिए तैयार हो जाते हैं। आकाश में लाल, पीले तथा संतरी रंग बिखर जाते हैं। दूर से अस्त होता सूर्य भगवान के मस्तक के पीछे बने चक्र के समान प्रतीत होता है। शाम घिर आती है और आकाश सिलेटी रंग का होने लगता है। सूर्य का आकार बहुत बड़ा दिखाई देने लगता है तथा उसे नंगी आँखों से देखने में परेशानी नहीं होती है। समुद्र तट पर सूर्यास्त का नज़ारा देखते ही बनता है।
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सूर्योदय
सूर्योदय के समय सारा आकाश सिंदूरी रंग का हो जाता है। सूर्य स्वयं स्त्री की बिन्दी के समान लाल आभा लिए हुए होता है। ठंडी हवा सूर्योदय के सौंदर्य को और बढ़ा देती है। पक्षी अपने घोसलों से निकलकर मीठा स्वर निकालना आरंभ कर देते हैं। मानो कह रहे हों कि सूर्योदय हमारे लिए जीवन की नई किरण लेकर आया हो।
सूर्यास्त
सूर्यास्त के समय सभी पक्षी घोसलों में जाना प्रारंभ कर देते हैं। वह दिनभर की थकान को निकालने के लिए तैयार हो जाते हैं। आकाश में लाल, पीले तथा संतरी रंग बिखर जाते हैं। दूर से अस्त होता सूर्य भगवान के मस्तक के पीछे बने चक्र के समान प्रतीत होता है। शाम घिर आती है और आकाश सिलेटी रंग का होने लगता है। सूर्य का आकार बहुत बड़ा दिखाई देने लगता है तथा उसे नंगी आँखों से देखने में परेशानी नहीं होती है। समुद्र तट पर सूर्यास्त का नज़ारा देखते ही बनता है।
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