SVMT1
कक्षा-12
पूर्णाक : 100
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(द) 1870 ई.
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(द) हैदरावाद
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प्री-बोर्ड परीक्षा
समयः
घंटे
साहित्यिक हिन्दी
नोट:सभी प्रश्न अनिवार्य है।
भारतेन्दु युग के निवन्धकार है-
(अ) श्यामसुन्दर दास
(व) नन्ददुलारे वाजपेयी
(स) वालकृष्ण भट्ट
(द) रामचन्द्र शुक्ल
2. 'पैरों में पंख बाँधकर' रचना की विधा है-
(अ) जीवनी (व) आत्मकथा
(स) संस्मरण
(द) यात्रावृत्त
3. 'सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन काल है-
(अ)1868 ई. (ब)1900 ई.
(स)1880ई.
4. 'फोर्ट विलयम' कॉलेज स्थित था-
(अ) आगरा (व)कलकत्ता-
(स) मद्रास
5. 'गोदान की विधा है-
(अ) कहानी (व) उपन्यास
(स) नाटक (द) आत्मकथा
2. (क)'सोमनाथ की रचना है-
(अ) अंगदर्पण (ब) रस प्रवोध (स) पदावली
(द) ररापीयूपनिधि
(ख) राममक्ति शाखा के कवि नहीं है-
(अ) तुलसीदास (व) अग्रदास(स) नन्ददास
(द) नाभादास
(ग) रीतिवद्ध काव्यधारा के कवि हैं-
(अ) केशवदास (व) विहारीलाल (स) घनानन्द (द) वोधा
(घ) अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔद्य 'युग के कवि हैं-
(अ) भारतेन्दु युग
(ब) प्रगतिवाद युग
(स) द्विवेदी युग
(द) छायावाद युग
(ड) भड़ौवा संग्रह के रचनाकार है-
(अ) ग्वाल (ब)पद्याकर (रा) वेनीवन्दीजन (द) द्विजदेव
3. निम्नलिखित अवतरणों को पढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
कहते हैं दुनिया बड़ी भूलक्कड़ है। केवल उतना ही याद रखती है जितने से उसका स्वार्थ
सधता है। बाकी को फेंककर आगे बढ़ जाती है। शायद अशोक से उसका स्वार्थ नहीं
सधा। क्यों उसे वह याद रखती? सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है।
(क) प्रस्तुत गधांश में किस प्रसंग की चर्चा की गई है?
(ख) लेखक ने गद्यांश में किस प्रकार के लोगों को स्वार्थी कहा है?
(ग)"सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ाही तो है।" से लेखक का क्या तात्पर्य है?
(घ) फूल' शब्द के दो पर्यायवाची लिखिए।
(ड)'स्वार्थ' शब्द का विलोम लिखिए।
अथवा
जन का प्रवाह अनन्त होताहै। सहस्त्रों वर्षों से भूमि के साथ राष्ट्रीय जन ने तादात्म्य प्राप्त
किया है। जब तक सूर्य की रश्मियाँ नित्य प्रातः काल भवन को अमृत रस से भर देती हैं,
तब तक राष्ट्रीय व जन का जीवन भी अमर है। इतिहास के अनेक उतार-चढाव पार
P.T.O.
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can't understand your language dear
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What’s this.
Can’t understand
Do it yourself.
Can’t understand
Do it yourself.
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