English, asked by huntergamer973415, 18 days ago

swami asked about the content of the latter

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Answered by royallal626
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Answer:

खेल हमारे जीिन का महत्त्वपूर्ण वहस्सा है। चाहे िह बच्चा हो या जिान या बुजुगण सभी को खेलना अच्छा लगता

है। खेलोों से स्वस्थ शरीर एिों मन स्वथ्य रहता है। खेलने से हमारे शरीर में स्फू वतण और ताजगी आती है। यह

एक प्रकार का व्यायाम भी है, जो हमारे शरीर को मजबूत और सुगवठत बनाता है।

खेल िो प्रकार के होते हैं-बाहरी और भीतरी। अथाणत घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल तथा घर

के अोंिर खेले जाने िाले खेल। घर के अोंिर खेले जाने िाले खेलोों में शतरोंज, कै रमबोडण, लूडो, साूँप-सीढी आवि

कई प्रकार के खेल आते हैं। कै रमबोडण, शतरोंज, लूडो जैसे खेलोों से हमारा मानवसक विकास होता है।

घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल जैसे फु िबॉल, विके ि, िेवनस, कबड्डी, हॉकी, बास्के िबॉल,

गोल्फ आवि हमारे शारीररक के साथ मानवसक विकास मेंमिि करतेहैं। इन खेलोोंको अोंतराणष्ट्रीय स्तर पर

काफी लोकवप्रयता के साथ खेला जा रहा है।

खेलने िाला व्यक्ति कु छ िेर के वलए सोंसार के सारे झोंझिोों को भूल जाता है, िह वनवचोंत हो जाता है। इससे

काम करने की शक्ति बढ़ती है तथा हमें समूह में काम करने की आित पड़ती है। खेलोों से हमारे अोंिर

आत्मविश्वास, सहयोग, अनुशासन, साहस, एकता आवि मानिीय गुर्ोों का भी विकास होता है। हमें नए-नए

लोगोों से वमलने और समझने का अिसर वमलता है।

आज खेल-जगत में प्रवसक्ति के साथ-साथ धन भी खूब कमाया जा रहा है। इसवलए शारीररक और मानवसक

विकास के वलए हमारे जीिन में खेलोों का बहुत अवधक महत्त्व है।

Explanation:

खेल हमारे जीिन का महत्त्वपूर्ण वहस्सा है। चाहे िह बच्चा हो या जिान या बुजुगण सभी को खेलना अच्छा लगता

है। खेलोों से स्वस्थ शरीर एिों मन स्वथ्य रहता है। खेलने से हमारे शरीर में स्फू वतण और ताजगी आती है। यह

एक प्रकार का व्यायाम भी है, जो हमारे शरीर को मजबूत और सुगवठत बनाता है।

खेल िो प्रकार के होते हैं-बाहरी और भीतरी। अथाणत घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल तथा घर

के अोंिर खेले जाने िाले खेल। घर के अोंिर खेले जाने िाले खेलोों में शतरोंज, कै रमबोडण, लूडो, साूँप-सीढी आवि

कई प्रकार के खेल आते हैं। कै रमबोडण, शतरोंज, लूडो जैसे खेलोों से हमारा मानवसक विकास होता है।

घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल जैसे फु िबॉल, विके ि, िेवनस, कबड्डी, हॉकी, बास्के िबॉल,

गोल्फ आवि हमारे शारीररक के साथ मानवसक विकास मेंमिि करतेहैं। इन खेलोोंको अोंतराणष्ट्रीय स्तर पर

काफी लोकवप्रयता के साथ खेला जा रहा है।

खेलने िाला व्यक्ति कु छ िेर के वलए सोंसार के सारे झोंझिोों को भूल जाता है, िह वनवचोंत हो जाता है। इससे

काम करने की शक्ति बढ़ती है तथा हमें समूह में काम करने की आित पड़ती है। खेलोों से हमारे अोंिर

आत्मविश्वास, सहयोग, अनुशासन, साहस, एकता आवि मानिीय गुर्ोों का भी विकास होता है। हमें नए-नए

लोगोों से वमलने और समझने का अिसर वमलता है।

आज खेल-जगत में प्रवसक्ति के साथ-साथ धन भी खूब कमाया जा रहा है। इसवलए शारीररक और मानवसक

विकास के वलए हमारे जीिन में खेलोों का बहुत अवधक महत्त्व है।खेल हमारे जीिन का महत्त्वपूर्ण वहस्सा है। चाहे िह बच्चा हो या जिान या बुजुगण सभी को खेलना अच्छा लगता

है। खेलोों से स्वस्थ शरीर एिों मन स्वथ्य रहता है। खेलने से हमारे शरीर में स्फू वतण और ताजगी आती है। यह

एक प्रकार का व्यायाम भी है, जो हमारे शरीर को मजबूत और सुगवठत बनाता है।

खेल िो प्रकार के होते हैं-बाहरी और भीतरी। अथाणत घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल तथा घर

के अोंिर खेले जाने िाले खेल। घर के अोंिर खेले जाने िाले खेलोों में शतरोंज, कै रमबोडण, लूडो, साूँप-सीढी आवि

कई प्रकार के खेल आते हैं। कै रमबोडण, शतरोंज, लूडो जैसे खेलोों से हमारा मानवसक विकास होता है।

घर के बाहर खुले मैिान में खेले जाने िाले खेल जैसे फु िबॉल, विके ि, िेवनस, कबड्डी, हॉकी, बास्के िबॉल,

गोल्फ आवि हमारे शारीररक के साथ मानवसक विकास मेंमिि करतेहैं। इन खेलोोंको अोंतराणष्ट्रीय स्तर पर

काफी लोकवप्रयता के साथ खेला जा रहा है।

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