swarthi mitr Compo in Hindi
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स्वार्थी से मित्रता नहीं | ... वे जंगल से गुजर रहे थे । ”बड़ा भयानक जंगल है मित्र ।” मोहन ने कहा- ”इसमें तो बड़े भयंकर जीव रहते होंगे ।” ”और क्या जीवों के मकान होते हैं ।” सोहन हंसा- ”तुम भी मित्र बड़े भोले हो । अरे, सबको ईश्वर ने बनाया है ।
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उस दिन कुछ शिकारी कुत्ते उसके पीछे पड़ गए। यह देखकर खरगोश जान बचाने के लिए भागने लगा। भागते-भागते दम फूलने लगा। वह थककर चूर हो गया। जब और अधिक नहीं भागा गया तो कुत्तों को चकमा देकर वह एक घनी झाड़ी में घुस गया और वहीं छिपकर बैठ गया। पर उसे यह डर सता रहा था कि कुत्ते किसी भी क्षण वहां आ पहुंचेंगे और सूंघते-सूंघते उसे ढूंढ निकालेंगे।
वह समझ गया कि यदि समय पर उसका कोई मित्र न पहुंच सका, तो उसकी मृत्यु निश्चित है। वह अपने मित्रों को याद करने लगा। यदि घोड़ा आ गया तो वह मुझे अपनी पीठ पर बैठाकर ले भागेगा। यदि बैल आ गया तो अपने पैने सींगों से इनके पेट फाड़ देगा। यदि भेड़ आ गई तो वह टक्करें मारकर इनकी अक्ल दुरूस्त कर देगी।