swatchta abhiyan in hindi atleast 5 minutes essay
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स्वच्छ भारत अभियान - एक साल में
भारत, हमारा भारत देश बहुत खूबसूरत और सुन्दर है। हम लोगों ने कुछ दशाब्दों से इसको लापरवाही से तरह तरह के बर्ताव से गंदा करके एक दम बरबाद किया है। भारत का नाम को खराब कर दिया दुनिया में। अब इस को सुधारने का वख्त आया है। महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारतवासी स्वच्छता और शुद्धता के बारे में जानें, सीखें और उसका अमल करें। देश भर के नेताओं ने अभियान में हिस्सा लिया और उसे जारी रखने की कसमें खाई और अपने आसपास के जगहों को साफ रखने वादा किया ।
इसी लिए महात्मा गांधीजी के जनम दिन पर, 2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ किया। उन्हों ने खुद भी तो हिस्सा लिया और कुछ रास्ता साफ किया। अब तो अभियान एक साल का हो गया । अभियान 2019 तक चलेगा ।
इस अभयान का मुख्य उद्देश्य है सब सड़कों को , सार्वजनिक जगहों को कूड़ा निकलकर साफ करना, लोगोंको सफाई की तरीकें सिखाना। और सब लोगों के लिए पीने के लिए शुद्ध और स्वच्छ पानी का इंतजाम करना । लोगों के घरों में , सरकारी विद्यालयों में और सार्वजनिक जगहों में स्वच्छता शौचालय के निर्माण करना । शहरों और गाओन में यह इंतजाम करना है । हर गाँव में और शहर में म्यून्सीपालिटी के स्वच्छता का काम जो होते हैं हर दिन, उनको ठीक करवाना। उनके इंतजाम जहां पर अभी तक नहीं हैं, वहाँ पर नए प्रबंधन करना । और भी स्वच्छता के कुछ योजनाएँ शुरू किए गए। बहुत लोगों ने अब तक इस अभियान में भाग लिया और काफी समय और धन भी व्यय किया। इस अभियान के बाद सब बच्चे, बड़े और बूढ़े साफ स्वस्थ रहेंगे , यही आशा है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार करीबन छे हजार पांच सो रुपये (Rs 6,500) औसत हर साल एक आदमी की चिकित्सा और स्वास्त्य में खर्च होता है। सरकारी और यूएनओ. के गणना से पता चलता है कि लाखों लोग प्रदूषण संबंधी रोगों से हर साल भारत देश में मर जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान से सार्वजनिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती बढ़ेंगे और लोगों के पैसे भी बचेंगे। इस से भारत का फाइदा है कि सरकार के खर्चे भी कम होंगे और आर्थिक स्थिति में उन्नति और सुधार।
हर हफ़्ते रविवार और शनिवार को सरकार कर्मचारी, अफसर, राजकीय नायक , प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार , समाजिक सेवा संघ और बहुत सारे लोग इस अभियान में भाग लिया । इससे गरीब लोगों के मन में सफाई और स्वास्थ्य ले बारे में विचार पैदा हुआ भी है। उन्हे अच्छे संस्कार और आजकल के स्वच्छता के तरीके सिखाये जारहे हैं। माता अमृतानंदमयी ने इस के लिए तो चार सालों से काम किया है। उन्हों ने महिलाओं को शिक्षा भी दिया है। और एक 100 करोड़ रुपये भारत सरकार को दिया है इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए।
बहुत जगहों पर कूड़े के डिब्बे रखे गये। और, टीवी पर विज्ञापन भी दिखाये जा रहे हैं कि स्वच्छता का पालन करो। स्वच्छ भारत अभियान से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई बढ़ेंगे। हम लोगों को सिर्फ दो घंटे हर हफ़्ते लगाना है हमें इस काम में। स्वच्छ भारत में लोग न गंदगी करेंगे और न करने देंगे । इस से बीमारियॉ नहीं फैलेँगे ।
दो लाख सार्वजनिक जगहों में स्वच्छता शौचालय बनायेंगे । बहुत लोगों के घर में भी स्वच्छता शौचालय बनाएँगे। और लोगों को सिखाया भी जाएगा कि स्वच्छता के प्रबंधन कैसे किया जाता है। 25,000 विद्यालयों में और गावों में दो लाखों घरों में शौचालयों का निर्माण करने का योजना (प्लान) किया गया है । इस में मुनिसिपलिटी और पंचायत की विशेष भूमिका है। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाते हैं, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के काम सौंपे जाएंगे । इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जाता है।
गाओं में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध करवाना, घरेलू और सार्वजनिक जगहों से गंदगी, कूड़ा, एयर गंदा पानी को हटवाना, ये सब स्वच्छ भारत अभियान का उद्देस्य हैं । अर्बन डेवलपमेंट(विकास भाग) मंत्रालय शहरों में काम करेगा। और गाओं में “निर्मल भारत अभियान के नाम पर ग्रामीण मंत्रालय ये काम करेगा ।
केंद्रीय विद्या बोर्ड ने सी बि एस सी , आइ सी एस सी , राज्यों में सरकार विद्या सम्बंध बोर्डों को स्वच्छ भारत के लिये काम करने के लिये कहा है। और बहुत सारे विद्यालयों ने भी हर रविवार को स्वच्छता का काम किया है। अपने विद्यालय के मैदान और प्रांगण साफ किए। विद्यार्थी बडे हो कर जब नागरिक बन जायेंगे, तब भारत को स्वच्छ और साफ रखेंगे। विद्यार्थियों को सवास्थ्य के बारे मे जानकारी होने से वे अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। और अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक रहेंगे।
अखबार, टीवी और रेडियो पर प्रसारणों और चर्चाओं लोगों की जानकारी बढी है । कुछ सालों के बाद हिंदुस्तान पश्चिमी देशों जैसे एकदम बढिया और सुन्दर हो जाएगा। नमामि गंगे के नाम पर गंगा नदी को सॉफ करने का काम भी शुरू किया गया। इसके लिए स्वच्छ गंगा मिशन का । करोड़ों रुपये खर्च किये गये और भी खर्च किये जायेंगे । यह अभियान पांच सालों तक यानि 2019 तक चलेगा । हर हफ्ते टी.वी. पर स्वच्छ भारत अभियान के बारे मेँ लोग़ जो जो कार्यक्रम कर रहे हैं, वे दिखाते हैं ।
अब तो बहुत राज्यों में भी स्वच्छ भारत, स्वच्छ शहर नामों से अभियान शुरुवाद हो गये । लोगों में इसके बारे में ज्ञान फैला है। अब पुलिस वालों ने भी तो हिस्सा लिया और कैदियों से स्वच्छ भारत कार्यक्रम में काम करवाया हैं।
हब सब लोगों का एक धर्म है कि अपना घर और घर के आसपास के जगहों को साफ रखें और गंदा ना करें। एक साल के बाद शायद कुछ सुधार हुई कहीं कहीं । बहुत लोगों की भलाई भी हुई है। मेरी आशा है कि पांच सालों में सब लोग स्वच्छ भारत बनाने में अपना हिस्सा निभाएंगे और भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे।
भारत, हमारा भारत देश बहुत खूबसूरत और सुन्दर है। हम लोगों ने कुछ दशाब्दों से इसको लापरवाही से तरह तरह के बर्ताव से गंदा करके एक दम बरबाद किया है। भारत का नाम को खराब कर दिया दुनिया में। अब इस को सुधारने का वख्त आया है। महात्मा गाँधी का यह एक सपना था कि सब भारतवासी स्वच्छता और शुद्धता के बारे में जानें, सीखें और उसका अमल करें। देश भर के नेताओं ने अभियान में हिस्सा लिया और उसे जारी रखने की कसमें खाई और अपने आसपास के जगहों को साफ रखने वादा किया ।
इसी लिए महात्मा गांधीजी के जनम दिन पर, 2 अक्टोबर 2014 को प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ किया। उन्हों ने खुद भी तो हिस्सा लिया और कुछ रास्ता साफ किया। अब तो अभियान एक साल का हो गया । अभियान 2019 तक चलेगा ।
इस अभयान का मुख्य उद्देश्य है सब सड़कों को , सार्वजनिक जगहों को कूड़ा निकलकर साफ करना, लोगोंको सफाई की तरीकें सिखाना। और सब लोगों के लिए पीने के लिए शुद्ध और स्वच्छ पानी का इंतजाम करना । लोगों के घरों में , सरकारी विद्यालयों में और सार्वजनिक जगहों में स्वच्छता शौचालय के निर्माण करना । शहरों और गाओन में यह इंतजाम करना है । हर गाँव में और शहर में म्यून्सीपालिटी के स्वच्छता का काम जो होते हैं हर दिन, उनको ठीक करवाना। उनके इंतजाम जहां पर अभी तक नहीं हैं, वहाँ पर नए प्रबंधन करना । और भी स्वच्छता के कुछ योजनाएँ शुरू किए गए। बहुत लोगों ने अब तक इस अभियान में भाग लिया और काफी समय और धन भी व्यय किया। इस अभियान के बाद सब बच्चे, बड़े और बूढ़े साफ स्वस्थ रहेंगे , यही आशा है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार करीबन छे हजार पांच सो रुपये (Rs 6,500) औसत हर साल एक आदमी की चिकित्सा और स्वास्त्य में खर्च होता है। सरकारी और यूएनओ. के गणना से पता चलता है कि लाखों लोग प्रदूषण संबंधी रोगों से हर साल भारत देश में मर जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान से सार्वजनिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती बढ़ेंगे और लोगों के पैसे भी बचेंगे। इस से भारत का फाइदा है कि सरकार के खर्चे भी कम होंगे और आर्थिक स्थिति में उन्नति और सुधार।
हर हफ़्ते रविवार और शनिवार को सरकार कर्मचारी, अफसर, राजकीय नायक , प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार , समाजिक सेवा संघ और बहुत सारे लोग इस अभियान में भाग लिया । इससे गरीब लोगों के मन में सफाई और स्वास्थ्य ले बारे में विचार पैदा हुआ भी है। उन्हे अच्छे संस्कार और आजकल के स्वच्छता के तरीके सिखाये जारहे हैं। माता अमृतानंदमयी ने इस के लिए तो चार सालों से काम किया है। उन्हों ने महिलाओं को शिक्षा भी दिया है। और एक 100 करोड़ रुपये भारत सरकार को दिया है इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए।
बहुत जगहों पर कूड़े के डिब्बे रखे गये। और, टीवी पर विज्ञापन भी दिखाये जा रहे हैं कि स्वच्छता का पालन करो। स्वच्छ भारत अभियान से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सफाई बढ़ेंगे। हम लोगों को सिर्फ दो घंटे हर हफ़्ते लगाना है हमें इस काम में। स्वच्छ भारत में लोग न गंदगी करेंगे और न करने देंगे । इस से बीमारियॉ नहीं फैलेँगे ।
दो लाख सार्वजनिक जगहों में स्वच्छता शौचालय बनायेंगे । बहुत लोगों के घर में भी स्वच्छता शौचालय बनाएँगे। और लोगों को सिखाया भी जाएगा कि स्वच्छता के प्रबंधन कैसे किया जाता है। 25,000 विद्यालयों में और गावों में दो लाखों घरों में शौचालयों का निर्माण करने का योजना (प्लान) किया गया है । इस में मुनिसिपलिटी और पंचायत की विशेष भूमिका है। जहाँ पर सरकार या नगर पालिका अच्छा प्रबन्धन नहीं कर पाते हैं, वहां कुछ स्वैच्छिक संस्थानों को सफाई के काम सौंपे जाएंगे । इन संस्थानों को कुछ नाममात्र भुगतान भी दिया जाता है।
गाओं में शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध करवाना, घरेलू और सार्वजनिक जगहों से गंदगी, कूड़ा, एयर गंदा पानी को हटवाना, ये सब स्वच्छ भारत अभियान का उद्देस्य हैं । अर्बन डेवलपमेंट(विकास भाग) मंत्रालय शहरों में काम करेगा। और गाओं में “निर्मल भारत अभियान के नाम पर ग्रामीण मंत्रालय ये काम करेगा ।
केंद्रीय विद्या बोर्ड ने सी बि एस सी , आइ सी एस सी , राज्यों में सरकार विद्या सम्बंध बोर्डों को स्वच्छ भारत के लिये काम करने के लिये कहा है। और बहुत सारे विद्यालयों ने भी हर रविवार को स्वच्छता का काम किया है। अपने विद्यालय के मैदान और प्रांगण साफ किए। विद्यार्थी बडे हो कर जब नागरिक बन जायेंगे, तब भारत को स्वच्छ और साफ रखेंगे। विद्यार्थियों को सवास्थ्य के बारे मे जानकारी होने से वे अच्छे संस्कार भी सीखेंगे। और अपने परिवार के स्वास्थ्य के बारे में भी जागरूक रहेंगे।
अखबार, टीवी और रेडियो पर प्रसारणों और चर्चाओं लोगों की जानकारी बढी है । कुछ सालों के बाद हिंदुस्तान पश्चिमी देशों जैसे एकदम बढिया और सुन्दर हो जाएगा। नमामि गंगे के नाम पर गंगा नदी को सॉफ करने का काम भी शुरू किया गया। इसके लिए स्वच्छ गंगा मिशन का । करोड़ों रुपये खर्च किये गये और भी खर्च किये जायेंगे । यह अभियान पांच सालों तक यानि 2019 तक चलेगा । हर हफ्ते टी.वी. पर स्वच्छ भारत अभियान के बारे मेँ लोग़ जो जो कार्यक्रम कर रहे हैं, वे दिखाते हैं ।
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हब सब लोगों का एक धर्म है कि अपना घर और घर के आसपास के जगहों को साफ रखें और गंदा ना करें। एक साल के बाद शायद कुछ सुधार हुई कहीं कहीं । बहुत लोगों की भलाई भी हुई है। मेरी आशा है कि पांच सालों में सब लोग स्वच्छ भारत बनाने में अपना हिस्सा निभाएंगे और भारत का नाम दुनिया में रोशन करेंगे।
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