तू जिंदगी को जी उसे समझने की कोशिश न कर सुंदर सपनो के ताने बाने बुन उसमे उलझन की कोशिश न कर चलते वक्त के साथ तु भी चल उसमें सिमटने की कोशिश न कर अपने हाथो को फैला, खुलू कर साँस ले अंदर ही अंदर घुटने की कोशिश न कर मन में चल रहे युद्ध को विराम दे खामख्वाह खुद से लड़ने की कोशिश न कर कुछ बाते भगवान् पर छोड़ दे सब कुछ खुंद सुलझाने की कोशिश न कर जो मिल गया उसी में खुश रह जो सूकून छीन ले वो पाने कोशिश न कर रास्ते की सुंदरता का लुफ्त उठा मंजिल पर जल्दी पहुचने की कोशिश न कर। was written by?
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Ashok Kumar Choudhary
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