Social Sciences, asked by singhkunjal996, 10 months ago

तालाब का जल स्वच्छ रखने के लिए कौन-कौन सी निषेधाज्ञा जारी करना जरूरी है ?​

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Answered by prashant247
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दमोह शहर की 15 फीसदी आबादी के क्षेत्र में जलस्तर बढ़ाने में सहयोगी रहने वाले बेलातात का पानी दूषित होने लगा है। जिसमें फैली चोई को बाहर निकालने के लिए नगर पालिका ने सफाई अभियान शुरू कर दिया है। सांसद द्वारा पूर्व में इस तालाब की सफाई के लिए काफी प्रयास किए थे। जिसमें बारिश के बाद एक बार फिर चोई दिखाई देने लगी है। जिसे साफ कराने के लिए नगर पालिका द्वारा सफाई कराई जा रही है। इस मामले में सीएमओ कपिल खरे का कहना है कि वह तालाब को पूरी हरह से स्वच्छ करने का प्रयास कर रहे हैं। तालाब में पड़ी चोई को निकालने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि तालाब में स्वच्छ जल भरा रहने से क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा रहता है। जिसका लाभ सभी को मिलता है वह चाहते हैं कि तालाब में पानी पूरी तरह से स्वच्छ रहे जिसका लाभ सभी को मिल सके।

क्या कहते हैं नागरिक -

लोगों का कहना है कि यदि बेलाताल का गहरीकरण किया जाता तो निश्चित ही इसमें अधिक मात्रा में पानी का संग्रहण किया जा सकता था। लेकिन किसी का ध्यान गहरीकरण की ओर नहीं जाता। इसके अलावा पानी को स्वच्छ रखने के लिए लोगों को चाहिए कि वह घर से लाकर पूजन सामग्री जो तालाब में वसर्जित करते हैं, उन्हें यह बंद करना चाहिए। इसके लिए किसी प्रवाहित जल में वसर्जित करना चाहिए। अथवा घर पर ही आंगन में या बगीचे में एक गड्ढा खोदकर उसमें पूजन सामग्री के फूल बेलपत्री बगैरह डालें जिससे वह खाद का रूप ले लेगा और वह पेड़ों में डालने का काम आएगा।

जरूरी है जागरुकता -

कपिल खरे का कहना है कि लोग जागरु कता के अभाव में तालाब में ही प्रतिमाएं विसर्जित करने के साथ हवन - पूजन की सामग्री को तालाब में विसर्जित करते हैं, जिसे पानी दूषित हो जाता है। लोगों को जागरुक होकर पूजन सामग्री तालाब में न डालते हुए उसे एक गड्ढा करके उसमें डालना चाहिए जिससे उसकी खाद बनकर वह पौधों या खेतों में डालने के काम आ सके।

Answered by aliashraf5360
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Answer:

Upper wala answer dekhe kar likhe lijeye

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