तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ लिखिए।
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प्रश्न :- तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ लिखिए ।
उतर :-
तुलसीदास की काव्य-शैली की विशेषताएँ निम्न है :-
- भाषा की सफाई l
- लोकोक्तियों, मुहावरों और देशज शब्दों का प्रयोग l [जैसे :- न घर को न घाट को ।]
- श्रीराम का गुणगान और भक्ति भावना l [ तुलसीदास जी श्री राम के परम भक्त थे l उन्होंने रामचरितमानस नामक ग्रंथ की रचना की थी l यह अवधी भाषा में लिखी गई है l ]
- तत्सम , तद्भव और देशज शब्दों का प्रयोग l
- देशी - विदेशी भाषाओ के शब्दों का प्रयोग l [जैसे :- दिल, गुलाम, दगाबाज आदि l]
- प्रकृति चित्रण l [ उन्होंने सभी ऋतुओं का अत्यन्त सुन्दर वर्णन किया है ।]
यह भी देखें :-
हिंदी भाषा जनता का प्रतिनिधि kavi किसे कहा जाता है
https://brainly.in/question/41381849
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तुलसी की काव्य-शैली की दो विशेषताएँ लिखिए।
तुलसी जी ने अपने समय में दोनों साहित्यिक भाषाओं में अवधि और ब्रज का प्रयोग किया है | मानस के अतिरिक्त अधिकांश रचनाओं की भाषा बज्र है | तुलसी जी का अद्भुत अधिकार रहा है |
- सबसे बड़ी तुलसी की काव्य-शैली विशेषता है , भाषा की सफाई और वाक्य रचना की निर्दोषता जो हिंदी के और किसी कवि में नहीं पाई गई है |
- तुलसी जी ने लोक में प्रचलित मुहावरों, लोकोक्तियों और देशज शब्दों का प्रयोग किया है।
तुलसी के काव्य के अंतर बाह्य पक्ष अर्थात अलंकार, चित्रात्मकता, गुण – व्रति इत्यादि विशेषताओं का प्रयोग किया गया है |
तुलसीदास की भक्ति दास्यभाव की थी | जिसमे स्वामी को स्वामी पर पुर्ण तरह से और अनन्य भाव से माना जाता है| तुलसी के राम शक्ति , शील , सौंदर्य तीनों का वर्णन करते है| तुलसी जो की प्रेम का आर्दश माना जाता है |
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