Hindi, asked by soumyabasuri1569, 11 months ago

तुलसीदास की भक्ति किस भाव से पृरित है?
(क) सख्य भाव
(ख) भ्रातृ भाव
(ग) दास्य भाव
(घ) माधुर्य भाव

Answers

Answered by bhatiamona
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तुलसीदास की भक्ति किस भाव से पृरित है ?

इसका सही जवाब है,

(ग) दास्य भाव से

व्याख्या :

तुलसीदास की भक्ति दास्य भाव यानी सेवक भाव से प्रेरित रही है। उन्होंने अपनी अधिकतर रचनाओं में स्वयं को अपने आराध्य का सेवक-दास माना है। उनके आराध्य प्रभु श्रीराम रहे है। वह प्रभु श्री राम का दास बनकर स्वयं को प्रस्तुत करते है। वह अपने चौपाइयों आदि के माध्यम से अपने स्वामी को रिझाते है।

     तुलसीदास के दास्य भाव के आदर्श पवन पुत्र हनुमान रहे है, जो स्वयं प्रभु श्री राम के प्रति सेवा भावना रखते थे और अपने प्रभु को प्रसन्न करने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। इसी कारण अपनी रचना रामचरितमानस में तुलसीदास ने इसी सेवा भाव को अपनी भक्ति हेतु स्वीकार किया है।

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