तुलसीदास द्वारा राम चरित्र मानस लिखी गई। इसमें कौन सा वाच्य है?
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बात उस समय की है जब मनु और सतरूपा परमब्रह्म की तपस्या कर रहे थे। कई वर्ष तपस्या करने के बाद शंकरजी ने स्वयं पार्वती से कहा कि मैं, ब्रह्मा और विष्णु कई बार मनु सतरूपा के पास वर देने के लिये आये, जिसका उल्लेख तुलसी दास जी द्वारा रचित रामचरितमानस में इस प्रकार मिलता है- "बिधि हरि हर तप देखि अपारा, मनु समीप आये बहु बारा"।
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