तुम्हारा का मिला। पहकर बहुत खुशी हुई, कि तुमने दशहरे की छुट्टियों में खूब मजे किए।
मेर सहित इस बार शो की शूटियों में महाराष्ट्र गए थे, अपने मामाजी के घर। मुझे शुरू
गही मतिया चित्रा और गान अपनी ओर आकर्षित किया है। मामाजी के घर जाने के पीछे एक
कारण यह भी था इस बहाने हम अजंता की गुफाओं की कलाकारी का आनंद ले लेते।
हम सपरिवार रेलगाड़ी से मामाजी के घर जा पहुँच। मामीजी हमें देखकर बहुत खुश हुई और
युवा होत ही हम एक अलग, सपनों की दुनिया में पहुँच गए। वह दुनिया थी-अजंता की
गुफानी की दुनिया, क्योंकि अजेता की गुफाओं में दीवारों, छतों पर सुंदर चित्र बने हुए थे। जिस
लाह की दुनिया हम आजकल देखते हैं, वहाँ के शहर, कस्बों की इमारतों की दीवारें आमतौर पर
पपाट और कोरीयोती। फिर वह चाहे घर हो, ऑफिस या कोई अन्य जगह। शहरों में तो
ज्यादा-से-ज्यादा कोई चित्र टाँग दिया जाता है। घर में भी अगर बच्चे पेंसिल या रंगों से दीवार पर
अपनी कलाकारी दिखाएँ तो उन्हें अकसर डाँट पड़ जाती है। एक बार रोहित को डाँट पड़ चुकी
है।
लकिन अर्जता की गुफाओं की दीवारों, छतों को देखकर ऐसा लगता है कि लोगों को कोरी
दीवार बिलकुल पसंद नहीं थीं। तब लोग अत्यधिक प्रकृति-प्रेमी थे। दरअसल अजंता की गुफाएँ.
FRAME 10 M.C.Q QUESTION FROM THIS STORY
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what is this
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i not understand in this question
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Parker bahut Khushi hui ki tumne dashare ki chhutiyan Lekar Yahan per a rahe ho vichar to karo aap se koi Jagah Shahar Mein To Jyada Se Jyada Koi Chitra tank Diya jata hai ghar mein agar bacche pencil orang ki deewar per Karya dikhayen to accident padati Hai per Rohit ko dant per chuki hai lekin Ajanta ki gufaon ki dewara Chhath ko dekh kar aisa lagta hai ki Logon ki koi Deewana bilkul Pasand Nahin Thi tab log attack Pramod Premi the Darshan ki gufayen
mark me as brainiest I'll give u 20thnxx...,
give thnx, take thnx
follow me I'll follow u back
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