Hindi, asked by kashish8225, 1 year ago

तुम्हारे मित्र की पिता की अचानक निधन होने पर उसका मनोबल टूट गया है । उसे एक सांत्वना पत्र लिखो । I will mark as brainliest if anyone answers correctly . and u get 100 points for the correct answer

Answers

Answered by lordAkshat1111
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प्रिय सखी,

हार्दिक प्यार ।

इस पत्र के द्वारा मैं उस दुख को व्यक्त करने में असमर्थ हूँ जो तुम्हारे पिताजी की परलोक प्राप्ति का समाचार जानकर हुआ है । उनकी उम्र अभी देहांत की नहीं थी किन्तु ईश्वर की इच्छा को भला कौन जान सकता है ।

पिछली छुट्‌टियों में जब मैं तुम्हारे घर आयी थी, तब उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता था कि वे अस्वस्थ हैं । मुझे भी वे अपनी बेटी जैसा ही स्नेह देते मुझे अच्छी तरह मालूम है कि पिताजी के देहांत के बाद माताजी और तुम अपने-आप को अकेली महसूस कर रही होगी, लेकिन विपत्ति के समय सांत्वना से अधिक हिम्मत की जरूरत होती है ।

परम-पिता परमात्मा से मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को श्हंति और तुम्हें इस कठोर समय का सामना करने का साहस प्रदान करें । स्वयं को अकेली न समझना । मैं शीघ्र ही पहुँच रही हूँ ।
please mark it as a brainlist

Anvesh06: Copy paste to theek se kar le. Gender change kr liya bc
Answered by Anvesh06
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परीक्षा भवन

नई दिल्ली

दिनांक : 21 जनवरी 2018

प्रिय मित्र सूरज,

नमस्कार।



      तुम्हारे पिता जी की अकस्मात् मृत्यु के समाचार मिला। सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। मुझे एकबार तो विश्वास ही नहीं हुआ। अभी 1 सप्ताह पहले ही तो मैं उनसे मिलने आया था। उस समय तोवे ठीक थे। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि मैं उनसे अंतिम बार मिल रहा हूँ। प्रिय मित्र! यद्यपि अभीतुम्हारे पिता जी की आयु अधिक नहीं थी, तथापि वे अपना पूरा जीवन भोग कर गुजरे हैं। ईश्वरकी कृपा से उन्होंने अपनी समस्त जिम्मेदारियाँ पूरी कर ली थीं। तुम्हारी दोनों बहनों की शादी होचुकी है। वे अपने-अपने घर में सुखी हैं। तुम भी अपने पैरों पर खड़े हो गए हो। आर्थिक दृष्टि सेकिसी बात की कमी नहीं है। फिर भी उनका अभाव तो हम सबके लिए दु:खदायी है।

      शरीर नश्वर है। जिसका जन्म हुआ है, उसे एक दिन मरना अवश्य है। इसके लिए दुख क्यों? हाँयह बात अवश्य है कि अब तुम्हारे सिर पर पिताजी की छत्रछाया नहीं रहीं। अब तुम्हें उनकामार्गदर्शन नहीं मिल सकेगा। हमारी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह तुम्हें तथा समस्त परिवार को धैर्यप्रदान करें तथा दिवंगत आत्मा को शांति दे।

      माता जी का सहारा अब तुम्ही हो। उनका विशेष ध्यान रखना तथा मेरी ओर से उन्हें सांत्वनादेना।


तुम्हारा मित्र

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