तुमुन् प्रत्यय के उदाहरण
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तुमुन् प्रत्ययान्त शब्द अव्यय होता है अतः इसके रुप नहीं चलते हैं। उदाहरण- सः कार्यं कर्तुम् इच्छति। यहां कृ धातु में तुमुन् प्रत्यय का प्रयोग हुआ है अतः वाक्य का अर्थ हुआ “ वह कार्य करने को चाहता है”। २) अहं फलानि खादितुम् इच्छामि।
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तुमुन् प्रत्ययान्त शब्द भी अव्यय होते हैं। इनका रूप भी नहीं बदलता है। उदाहरण- गम् + तुमुन् = गन्तुम् = जाने के लिए, स: गृहं गन्तुम् उद्यत: अस्ति । हन् + तुमुन् = हन्तुम् = मारने के लिए, मृगं हन्तुं सिंह: समुद्यत: अस्ति ।
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