तुम वही दीपक बनोगे कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए
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तुम वही दीपक बनोगे कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए:
तुम वही दीपक बनोगे कविता दिवाकर वर्मा कवि द्वारा लिखी गई है | यह एक मार्मिक और हृदयस्पर्शी कविता है। कविता में कवि युवा को देश की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए प्रेरित करते है | कवि कहते है कि आज की नई युवा पीढ़ी ही देश में फैले हुए अंधकार को खत्म करेगी |
चारों तरफ़ फैले हुए अंधविश्वास , बुराई , भ्रष्टाचार को खत्म करेगी | सब जगह ईमानदारी की लहर लाएगी | कवि को पूरा विश्वास है कि युवा पीढ़ी समाज में फैली बुराइयों को खत करेगी | आज का युवा ही रिश्तों में सुधार ला सकता है |
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