Hindi, asked by vengateshn2007, 19 days ago

तीन निबंध एवं तीन कहानी pls jaldi​

Answers

Answered by Anonymous
5

Answer:

हिंदी निबंध का विकास

हिंदी गद्य की अन्य विधाओं की भांति निबंध का विकास भी भारतेंदु युग में प्रारंभ हुआ। भारतेंदु को हिंदी निबन्ध का जनक माना जाता है। परन्तु डॉ. लक्ष्मीसागर बालकृष्ण भट्ट को मानते हैं। यूरोप में निबंध साहित्य का जनक फ्रेंच साहित्यकार मानतेन को माना जाता है। पत्र-पत्रिकाओं के विकास से निबंध के विकास को बल मिला। आप देखेंगे की उस समय के अधिक्तर निबंधकार किसी न किसी पत्रिका के सम्पादन से जुड़े रहे हैं। इस युग के निबंधकारों ने साधारण से लेकर गंभीर विषयों पर निबंधों की रचना किया है। इसीलिए रामविलास शर्मा ने लिखा की,’जितनी सफलता भारतेंदु युग के लेखकों को निबंध (Essay) रचना में मिली उतनी कविता और नाटक में भी नहीं मिली।‘ नीचे हिंदी निबंधकार और निबंधों (hindi nibandhkar aur nibandh) की सूची दी जा रही है-

Answered by Jiya0071
0

Answer:

उसने कहा था – चंद्रधर शर्मा गुलेरी

'उसने कहा था' हिंदी की ऐसी कालजयी कहानी है जिसकी प्रासंगिकता और सार्वकालिकता इसके कथानक पर ही नहीं, इसकी भाषिक संरचनात्मक विशिष्टता पर भी आधारित है.

ऐसी 'हिंदी', जो आज के अकादमिक, सांस्थानिक और राजकीय-राजनीतिक प्रयासों से अपठनीय बना दी गई है और जो साधारण हिंदी भाषियों के लिए दुरुह और अजनबी हो चुकी है.

वही साहित्यिक 'हिंदी' जो हिंदी के नाम पर शिक्षण संस्थानों में प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालयों तक लागू है और जिसमें लाखों हिंदी भाषी बच्चे परीक्षाओं में फ़ेल हो जाते हैं.

उसी हिंदी के सामने 'उसने कहा था' की वो हिंदी जो आज भी इसलिए ताज़ा और समकालीन लगती है क्योंकि वो एक ओर तो जीवित-व्यावहारिक भाषा को रचना का आधार बनाती है और दूसरी ओर वो इस भाषा की व्यंजनाओं को विरल विलक्षण आँख से पकड़ती है.

कोई भी पाठक, जैसे ही इस कहानी को पढ़ना शुरू करता है वो इसकी विवरणात्मकता और व्यंजना के जादू से बंध कर रह जाता है.

Similar questions