तीन दिन तक श्रीराम समुद्र के किनारे क्या करते रहे?
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शहर के श्री रामतलाई हनुमान मंदिर पर आयोजित की जा रही रामलीला में सोमवार की रात सेतु बांध, रामेश्वर स्थापना व अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया। रामलीला के दौरान रामेश्वरम की स्थापना का दृश्य देख लोग भावविभोर हो गए। रावण का छोटा भाई विभीषण लंकापति नरेश को समझता है कि वह राम से बैर न लें। यह बात सुन रावण क्रोधित हो जाता है और विभीषण को लात मारकर लंका से बाहर कर देता है।
विभीषण श्रीराम की शरण में पहुंच जाते हैं। श्रीराम विभीषण को लंका का राजा बनाने की घोषणा करते हैं। वहीं वानर सेना समुद्र तट पर पहुंचती है। श्रीराम तीन दिन तक समुद्र से रास्ता देने के लिए विनती करते हैं लेकिन समुद्र रास्ता नहीं देता। बाद में श्रीराम समुद्र किनारे रामेश्वर की स्थापना कर आराध्य शिव की आराधना करते हैं। इसके बाद श्री राम की सेना लंका पहुंचती है। इसके बाद भगवान राम बाली के पुत्र अंगद को रावण के पास शांतिदूत के रूप में भेजा, लेकिन रावण ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया। इस दौरान अंगद ने रावण के सामने के शर्त भी रखी कि यदि उसकी सभा का कोई भी राक्षस उनका पैर उठा दे तो भगवान राम अपनी हार मानकर बिना युद्ध किए ही वापस लौट जाएंगे। इस शर्त को सुनकर राक्षस ने उनका पैर उठाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। रामलीला में बड़ी संख्या में महिला- पुरुष उपस्थित थे।
श्री रामलीला में मंचन करते कलाकार।