टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि मित्रता को मज़हब की
दीवारों में कैद नहीं किया जा सकता ।
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यह उनकी सच्ची दोस्ती का प्रमाण था। टोपी भी उसके घर जाता है और उसके परिवार को अपना ही मानता है। उसके लिए इफ़्फ़न की दादी अधिक प्रिय थी। अतः कह सकते हैं कि मित्रता को मज़हब की दीवारों में कैद करके नहीं रखा जा सकता है।
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I think that this is the answer
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