Hindi, asked by rashika0110, 3 months ago

"तेरे लाल मेरौ माखन खायौ।
दुपहर दिवस जानि घर सूनो ढूंढि-ढंढोरी आपही आयौ।
खोलि किवारि, पैठि मंदिर मैं, दूध-दही सब सखनि खवायौ।
ऊखल चढ़ि, सीके को लीन्हौ, अनभावत भुइँ मैं ढरकायौ।
दिन प्रति हानि होति गोरस की, यह ढोटा कौनैं ढंग लायौ।
सूर स्याम कौं हटकि न राखै तें ही पूत अनोखौ जायौ।"
क- कौन किस से शिकायत कर रहा है?
ख-दिन प्रतिदिन गोरस की हानि कैसे हो रही है?
ग- 'गोरस' और 'ढोटा' शब्द का क्या अर्थ है?
घ- 'तैं ही पूत अनोखो जायो' इस पंक्ति में क्या भाव मुखरित हो रहे हैं?

Answers

Answered by neelammtr1234
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Answer:

a yasoda mata se

Explanation:

b shree krishna ke makkan felne se

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