तारा सो तरनि धूरि धारा में लगत जिमि, धारा पर पारा पारावार यों हलत हैं।
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उपमा अलंकार – “तारा सो तरनि धूरि धारा में लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यों हलत है।” सूर्य तारे के समान चमकहीन हो गया है। संसार थाली पर रखे हुए पारे सा हिल रहा है।
Answer: इस पंक्ति मे दो अलंकार है - अतिशयोक्ति अलंकार और अनुप्रास अलंकार
Explanation: कविता की इस शैली का अक्सर शायरी में उपयोग किया जाता है, दक्षिण एशियाई संस्कृतियों में विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान में एक प्रसिद्ध साहित्यिक शैली शायरी है, जिसकी जड़ें प्राचीन भारत में हैं।
इसमें छोटी कविताएँ या दोहे होते हैं जो खूबसूरती और कलात्मक रूप से भावनाओं और भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
- शायरी एक कविता है जिसे प्रेम, प्रकृति, आध्यात्मिकता और समाज सहित कई विषयों पर लिखा जा सकता है। यह अक्सर सार्वजनिक रूप से या संगीत के साथ सुनाई जाती है। यह एक उच्च माना जाने वाला कला रूप है जो पीढ़ियों से चला आ रहा है और दक्षिण एशियाई साहित्य और संस्कृति के लिए आवश्यक बना हुआ है।
कविता साहित्य की एक शैली है जो अपने अर्थ, ध्वनि और लय के लिए चुने गए और संरचित शब्दों का उपयोग करके पाठक में भावनात्मक प्रतिक्रिया को भड़काने की कोशिश करती है।
- एक कविता की पाँच परिभाषित विशेषताओं में शामिल हैं:
- मीटर
- राइम
- फॉर्म
- साउंड
- रिदम/टाइमिंग।
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