India Languages, asked by Alia6948, 10 months ago

तेरहवीं शताब्दी में भारत में भवन निर्माण के कौन-से नए प्रकार अपनाए गए?

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Answered by bhatiamona
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तेरहवीं शताब्दी में भारत में भवन निर्माण के कौन-से नए प्रकार अपनाए गए?

तेरहवीं शताब्दी में तुर्की का शासन स्थापित हो जाने के बाद उतर भारत कको जीतकर दिल्ली सल्तनत की स्थापना की गई जिसके पश्चात यहाँ मुस्लिम लोगों में बड़े पैमाने पर भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया| बारहवीं शताब्दी तक भारत भव्य परिवेश में विशाल भवन बनाने की प्रक्रिया से पूरी तरह परिचित हो चूका था परंतु तुर्कों के आधिपत्य के बाद उन में कुछ  बदलाव आना शुरू हुए |

मुस्लिमों ने भारतीय वास्तुकला के कुछ पहलुओं को अपना कर अपनी तकनीकों के साथ एक नई कला का निर्माण किया| भवन निर्माण की  इन नई कला की इन्डो इस्लामिक , इण्डो-सारसेनिक कहा गया| भारत में मुस्लिम आगमन के समय धार्मिक और धर्म निरपक्ष दोनों प्रकार की वास्तुकला विधमान है|

उस में मुस्लिम शासकों तथा सम्पन्न लोगों द्वारा अनेक प्रकार के छोटे-बड़े भवन जोड़े जाने लगे| इससे भवन निर्माण अन्य कई शैलियों द्वारा किया गया जिन में शाही शैली , प्रान्तीय शैली , मुगल शैली तथा दक्कनी शैली प्रमुख है| इस से मस्जिदे , मकबरे , दरगाहे , मरसे, सराय  आदि का निर्माण किया गया|

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भारतीय कला का परिचय  कक्षा -11

पाठ-8 इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला के कुछ कलात्मक पहलू  

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आप इण्डो-इस्लामिक या इण्डो-सारसेनिक शब्दों से क्या समझते हैं? क्या आप इस शैली के लिए किसी दूसरे नाम का सुझाव दे सकते हैं?

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