तंत्र नाद kabit रस सरस रग रति राग का sandrab प्रसंग wakhya
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तंत्री-नाद कबित्त-रस सरस राग रति-रंग। ... वीणा की झंकार, कविता का रस, सरस गाना और प्रेम (अथवा रति-क्रीड़ा) के रंग में जो नहीं डूबा-तल्लीन नहीं हुआ (समझो कि) वही डूब गया-अपना जीवन नष्ट किया; और जो उसमें सर्वांग डूब गया-एकदम गर्क हो गया, (समझो कि) वही तर गया-पार हो गया-इस जीवन का यथार्थ फल पा गया।
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Hiii MATe
तंत्री-नाद कबित्त-रस सरस राग रति-रंग। ... वीणा की झंकार, कविता का रस, सरस गाना और प्रेम (अथवा रति-क्रीड़ा) के रंग में जो नहीं डूबा-तल्लीन नहीं हुआ (समझो कि) वही डूब गया-अपना जीवन नष्ट किया; और जो उसमें सर्वांग डूब गया-एकदम गर्क हो गया, (समझो कि) वही तर गया-पार हो गया-इस जीवन का यथार्थ फल पा गया।
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