तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से कैसे भिन्न है? सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
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उत्तर :
तृतीयक क्षेत्रक अन्य क्षेत्रकों से भिन्न है क्योंकि इस की गतिविधियां अन्य क्षेत्रकों (प्राथमिक एवं द्वितीयक) के विकास में मदद करते हैं। यह गतिविधियां स्वयं वस्तुओं का उत्पादन नहीं करती है बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहायता करती है। इस क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहते हैं क्योंकि यह सेवाओं का सृजन करती हैं।
उदाहरण :
प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित वस्तुओं को थोक एवं खुदरा विक्रेताओं को बेचने के लिए ट्रकों और ट्रेनों द्वारा परिवहन करने की आवश्यकता पड़ती है। कभी-कभी वस्तुओं को गोदाम में भंडारित करने की , बैंकों से कर्ज लेने की और टेलीफोन में बातचीत करने की भी आवश्यकता महसूस होती है। अतः परिवहन, भंडारण ,संचार, बैंक सेवाएं और व्यापार तृतीयक क्षेत्रक के कुछ उदाहरण है। इसमें अध्यापक ,डॉक्टर, वकील, अकाउंटेंट्स इत्यादि की सेवाओं को शामिल किया जाता है । आजकल के युग में इंटरनेट कैफे, ए.टी.एम. ,काॅल सेंटर इत्यादि की सेवाएं इस क्षेत्रक की महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक हैं। इन सभी सेवाओं से प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रक को भी बल मिलता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:
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