Hindi, asked by abhirathor5388, 6 hours ago

तोड़ती पत्थर कविता पूंजीवादी समाज व्यवस्था पर वार करते हैं

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Answered by divyanka1421
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Answer:

"तोड़ती पत्थर" कविता सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' तोड़ती ji ki hai.वह तोड़ती पत्थर 'सूर्यकांत त्रिपाठी निराला' द्वारा रचित एक मर्मस्पर्शी कविता है। इस कविता में कवि 'निराला' जी ने एक पत्थर तोड़ने वाली मजदूरी के माध्यम से शोषित समाज के जीवन की विषमता का वर्णन किया है।

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