तलाश चैप्टर के 10 लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर
Answers
Answer:
प्रश्न 1.
‘आखिर यह भारत है क्या? अतीत में यह किस विशेषता का प्रतिनिधित्व करता था? उसने अपनी प्राचीन शक्ति को कैसे खो दिया? क्या उसने इस शक्ति को पूरी तरह खो दिया है? विशाल जनसंख्या का बसेरा होने के अलावा के या आज उसके पास ऐसा कुछ बचा है जिसे जानदार कहा जा सके?’
ये प्रश्न अध्याय दो के शुरुआती हिस्से से लिए गए हैं। अब तक आप पूरी पुस्तक पढ़ चुके होंगे। आपके विचार से इन प्रश्नों के क्या उत्तर हो सकते हैं? जो कुछ आपने पढ़ा है उसके आधार पर और अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।
उत्तर-
भारत एक विशाल जनसंख्या वाला प्राचीनतम देश है। यहाँ की विशिष्ट संस्कृति और सभ्यता है। भारत की सभ्यता और संस्कृति की महानता शुरू से वर्तमान तक विश्व में लोकप्रिय रही है। यही कारण है कि अनेक हमलावरों ने इसे नष्ट करने का प्रयास किया इसके बावजूद भी इसकी सत्ता को कोई समाप्त नहीं कर पाया। आज भी विश्व की महान सभ्यताओं के नष्ट होने के बाद भी यह अपना अस्तित्व बनाए हुए है। यहाँ की जनता, उनका रहन-सहन खान, पान सोचने-विचारने का तरीका शामिल है। भौमिक स्वरूप में नदी, पहाड़, मैदान जंगल आ सकते हैं। भारत अतीत में महान संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता था। यहाँ की राष्ट्रीयतावाद की अवधारणा प्रमुख थी।
प्रश्न 2.
आपके अनुसार भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी-विकास की दौड़ में क्यों पिछड़ गया था?
उत्तर
हमारे विचार में भारत यूरोप की तुलना में तकनीकी विकास की दौड़ में इसलिए पिछड़ गया क्योंकि उस समय इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति आरंभ हुई जबकि विश्व के कई देशों में पुनर्जागरण पंद्रहवीं शताब्दी में ही शुरू हो चुका था। इसके अतिरिक्त उस समय उत्तरी भारत में लगातार बाहरी आक्रमण हो रहे थे। हमलों के कारण भारत का ध्यान अपना अस्तित्व बचाने पर केंद्रित हो गया। वह अपनी आंतरिक सुरक्षा में लगा रहा। सभी संसाधनों के होते हुए भी भारत वैज्ञानिक खोजों और आविष्कारों की ओर ध्यान केंद्रित न कर सका। यही कारण था कि भारत यूरोप से तकनीकी विकास की दौड़ में पिछड़ गया।
प्रश्न 3.
नेहरू जी ने कहा कि-‘मेरे खयाल से, हम सब के मन में अपनी मातृभूमि की अलग-अलग तसवीरें हैं और कोई दो आदमी बिलकुल एक जैसा नहीं सोच सकते।” अब आप बताइए कि-
(क) आपके मन में अपनी मातृभूमि की कैसी तसवीर है?
(ख) अपने साथियों से चर्चा करके पता करो कि उनकी मातृभूमि की तसवीर कैसी है और आपकी और उनकी तसवीर (मातृभूमि की छवि) में क्या समानताएँ और भिन्नताएँ हैं?
उत्तर-
(क) हमारे मन में मातृभूमि की तसवीर है- भारत के विशाल मैदान, हरे-भरे खेत, नदियाँ, पर्वत यहाँ के बसने वाले लोग तथा विपत्ति में धर्म का अनुसरण करने की सीख देने वाला देश तथा इसकी ममतामयी तसवीर है।
(ख) हमारे साथियों के मन में अपने देश के प्रति अटूट लगाव है। वे अपने देश की संप्रभुता, रक्षा के लिए सदैव बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं। कुछ मित्र ऐसे भी हैं जो संशय में रहते हैं क्योंकि उनमें पश्चिमी सभ्यता का रंग चढ़ा हुआ है। वे विदेशों में जाकर बसना चाहते हैं। उन्हें पश्चिमी रहन-सहन और तौर तरीके पसंद हैं।
प्रश्न 4.
जवाहर लाल नेहरू ने कहा, “यह बात दिलचस्प है कि भारत अपनी कहानी की इस भोर-बेला में ही हमें एक नन्हें बच्चे की तरह नहीं, बल्कि अनेक रूपों में विकसित सयाने रूप में दिखाई पड़ता हैं।” उन्होंने भारत के विषय में ऐसा क्यों और किस संदर्भ में कहा है?
उत्तर-
नेहरू जी ने सिंधु घाटी सभ्यता का वर्णन करते हुए भारत के विषय में ऐसा इसलिए कहा क्योंकि भारत की सभ्यता व संस्कृति विश्वविख्यात, प्राचीनतम सभ्यता है। यह संसार में अन्य देशों को मार्गदर्शन करते हुए आ रहा है। प्राचीन काल से यह शिक्षा का केंद्र रहा है। भारत सदियों से गणित, खगोलशास्त्र, ज्योतिषशास्त्र, औषधि विज्ञान, मूर्तिकला तथा अनेक शिल्पकलाओं में विकसित देश रहा है।
प्रश्न 5.
सिंधुघाटी के अंत के बारे में अनेक विद्वानों के कई मत हैं। आपके अनुसार इस सभ्यता का अंत कैसे हुआ होगा, तर्क सहित लिखिए।
उत्तर-
सिंधुघाटी की सभ्यता के बारे में विचार है- अकस्मात किसी ऐसी दुर्घटना जैसे भूकंप बाढ़ व मौसम के प्रभाव के कारण इस सभ्यता का अंत हो गया होगा। इस सभ्यता के अंत का दूसरा कारण हमारे विचार से यह हो सकता है कि खुदाई के दौरान इस सभ्यता में हथियार नहीं मिले हैं। इस बात से पता चलता है कि यहाँ के लोग शांतिप्रिय थे। शायद बाहरी लोगों ने आक्रमण कर इस सभ्यता का अंत कर दिया होगा।
प्रश्न 6.
उपनिषदों में बार-बार कहा गया है कि-”शरीर स्वस्थ हो मन स्वच्छ हो और तन-मन दोनों अनुशासन में रहें।” आप अपने दैनिक क्रिया-कलापों में इसे कितना लागू कर पाते हैं? लिखिए।
उत्तर-
उपनिषदों में बार-बार कहा गया है कि शरीर स्वस्थ हो, मन अच्छा हो और तन-मन दोनों अनुशासन में रहें।” यह सौ प्रतिशत सही कहा गया है। मैं भी अपने दैनिक क्रियाकलापों में इसे लागू करने का प्रयास करता हूँ। इसके अलावे तन और मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रातः जल्दी उठना, प्रातः कालीन सैर करना, व्यायाम करना योग कक्षाओं में जाने का नियमित प्रयास करता हूँ। इसके अलावे सभी काम समय पर निपटाने का प्रयास करता हूँ।
प्रश्न 7.
नेहरू जी ने कहा कि-“इतिहास की उपेक्षा के परिणाम अच्छे नहीं हुए।” आपके अनुसार इतिहास लेखन में के या-क्या शामिल किया जाना चाहिए? एक सूची बनाइए और उस पर कक्षा में अपने साथियों और अध्यापकों से चर्चा कीजिए।
उत्तर
इतिहास अतीत का वह आइना होता है, जिसके माध्यम से हम अच्छे-बुरे का ज्ञान प्राप्त करते हैं। इसके माध्यम से हम वर्तमान और भविष्य को सुधारते हैं। इसके साथ ही ऐतिहासिक भविष्य को सँवार पाते हैं। हमारे विचार से इतिहास लेखन में प्रमुख घटनाओं को, प्रमुख व्यक्तियों को, जो समय को प्रभावित करते हैं, प्रमुख तिथियों को, शिलालेखों, खंडर के अवशेष, तत्कालीन, साहित्य एवं विदेशी यात्रियों के यात्रा-विवरण, उस काल के सिक्के को शामिल किया जाना चाहिए।