तन्त्रालोक से यन्त्रालोक तक रचना की विधा है।
(a) भेट वार्ता
(b) संस्मरण
(c) रिपोर्ताज
(d) यात्रा-वृत्त
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सही जवाब है,
(d) यात्रा-वृत्त
व्याख्या :
तन्त्रालोक से यन्त्रालोक तक रचना की विधा ‘यात्रा-वृत्त’ है।
‘तन्त्रालोक से यन्त्रालोक’ डॉ. नगेंद्र द्वारा रचित एक यात्रा वृतांत है। इस यात्रा वृतांत का प्रकाशन 1968 में हुआ था। डॉ. नगेंद्र हिंदी के एक प्रसिद्ध आलोचक और यात्रा वृतांत लेखक रहे हैं। उन्होंने अनके कृतियों की रचना कीं, जिनमें विचार और विवेचन, विचार और अनुभूति, आधुनिक हिंदी कविता की प्रमुख प्रवृत्तियां, अरस्तु का काव्यशास्त्र, आलोचक की आस्था आदि के नाम प्रमुख हैं। डॉक्टर नगेंद्र 9 मार्च 1915 और मृत्यु 27 अक्टूबर 1999 को हुई।
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