तरल बुध्दि और ठोस बुध्दि मे क्या अंतर है?
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बहुत ही अच्छा प्रश्न !
मनोवैज्ञानिक रेमंड कटेल और उनके शिष्य जॉन हॉर्न ने तरल बुद्धि और ठोस बुद्धि का सिंद्धांत बनाया। चलिए देखते हैं की क्या है तरल और ठोस बुद्धि।
तरल बुद्धि: हमारी नई समस्याओं को हल करने की वह क्षमता जो हमको बिना किसी पिछले निर्देश या जानकारी बगैर आती है उसे तरल बुद्धि कहते हैं। हमारी यह तर्कसंगत क्षमता, हमने जो पहले सीखा है या अनुभव किया है, उससे सम्बंधित ना होकर भी हममे होती है।
इनमे यह सब शामिल हैं :
हमारी तर्कसंगत क्षमता जो हमें नई समस्याओं को सुलझाने में हमारी मदद करती है।
हमारी नई चीजों को सीखने की क्षमता।
चलिए हम इसका उदाहरण देकर समझाते हैं।
→ आप नीचे दिखाए गए चित्र को देखिये। इस में कुल मिलाकर आठ चित्र हैं और नौवां खाली है।
अगर हम कहें की इन पाँचों में से नौवां चित्र कौन सा है तो क्या आप बता सकती हैं ?
मनोवैज्ञानिक रेमंड कटेल और उनके शिष्य जॉन हॉर्न ने तरल बुद्धि और ठोस बुद्धि का सिंद्धांत बनाया। चलिए देखते हैं की क्या है तरल और ठोस बुद्धि।
तरल बुद्धि: हमारी नई समस्याओं को हल करने की वह क्षमता जो हमको बिना किसी पिछले निर्देश या जानकारी बगैर आती है उसे तरल बुद्धि कहते हैं। हमारी यह तर्कसंगत क्षमता, हमने जो पहले सीखा है या अनुभव किया है, उससे सम्बंधित ना होकर भी हममे होती है।
इनमे यह सब शामिल हैं :
हमारी तर्कसंगत क्षमता जो हमें नई समस्याओं को सुलझाने में हमारी मदद करती है।
हमारी नई चीजों को सीखने की क्षमता।
चलिए हम इसका उदाहरण देकर समझाते हैं।
→ आप नीचे दिखाए गए चित्र को देखिये। इस में कुल मिलाकर आठ चित्र हैं और नौवां खाली है।
अगर हम कहें की इन पाँचों में से नौवां चित्र कौन सा है तो क्या आप बता सकती हैं ?
AjaySurage:
thanks
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◆हमारी नई समस्याओं को हल करने की वह क्षमता जो हमको बिना किसी पिछले निर्देश या जानकारी बगैर आती है उसे तरल बुद्धि कहते हैं।
◆जो ज्ञान हमें पढ़कर और अनुभव से आता है उसे ठोस बुध्दि कहते हैं। बढ़ती उम्र के हिसाब से ठोस बुद्धि अक्सर बढती है I
◆जो ज्ञान हमें पढ़कर और अनुभव से आता है उसे ठोस बुध्दि कहते हैं। बढ़ती उम्र के हिसाब से ठोस बुद्धि अक्सर बढती है I
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