tark karne vala dimag ek aese chaku ki trh hota hai essay
Answers
तर्क करने वाला व्यक्ति बहुत कुछ पाकर भी कुछ नहीं पाता है। जी, हां लोगों का पर्याय नहीं पाता है।
इसलिए टैगोर साहब ने बोला है कि तर्क धारदार चाकू की तरह होता है जिसका प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपना ही हानि करता है। अपने हाथ को रक्तशील करता है।
तर्क से हमारा अपना कोई लाभ नहीं होता है। हम क्रोध में अक्सर दुश्मनी मोल लेते हैं।जो गलत है।
जो काम हम प्रेम से कर सकते हैं वह हमेशा तर्क करके भला क्यों नष्ट करें।
तर्क करने वाला व्यक्ति बहुत कुछ पाकर भी कुछ नहीं पाता है। जी, हां लोगों का पर्याय नहीं पाता है।
इसलिए टैगोर साहब ने बोला है कि तर्क धारदार चाकू की तरह होता है जिसका प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपना ही हानि करता है। अपने हाथ को रक्तशील करता है।
तर्क से हमारा अपना कोई लाभ नहीं होता है। हम क्रोध में अक्सर दुश्मनी मोल लेते हैं।जो गलत है।
जो काम हम प्रेम से कर सकते हैं वह हमेशा तर्क करके भला क्यों नष्ट करें।