Tark krne wala dimag dhardar chaku ki tarah hota h jo khud ke hatho ko kaat leta h pr 1000 word me nibandh
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हम अक्सर गलतफहमी में पढ़कर अपने मित्रों, अपने परिवार, अपने चाहने वालों से मतभेद कर लेते हैं। अनावश्यक तर्क करके जो हमें शोभा नहीं देता।
तर्क करके हम अपनी छवि को नष्ट करते हैं। हम अपने आचरण को खराब करते हैं।
जिस तरह तेज धारदार चाकू से हाथ कटने पर हमारे शरीर का लहू बहता है ठीक वैसे ही ज्यादा तर्क करने से हमारे आपसी रिश्ते खराब होते हैं।
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