Taron Ka Jeevan Mein mahatva nibandh in Hindi
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Tyoharon Ka Mahatva par laghu nibandh
प्रस्तावना- हमारे जीवन में त्योहारों का बहुत महत्व है। इनके बिना हमारा जीवन नीरस और ऊब भरा हो जाता है। त्योहारों से हमारे जीवन में परिवर्तन और उल्लास का संचार होता है। त्योहार किसी भी जाति और देश उसके अतीत से सम्बन्ध जोड़ने का भी उत्तम साधन हैं। जीवन में पग पग पर आने वाली कठिनाइयों तनाव और पीड़ा को भुलाने का साधन भी त्योहार ही हैं। यही कारण है कि त्योहारों के अवसर सभी मानव हर्ष से झूम उठते हैं।Short Essay on Teyoharon ka mhatav
त्योहारों के प्रकार– हमारे देश में जितने भी त्योहार मनाये जाते हैं, उन्हें मोटे तौर पर दो भागों में बांट सकते हैं। पहले वर्ग में धार्मिक त्योहार आते हैं। ईद, बड़ा दिन, दशहरा, दीपावली, होली, बसन्त पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी, रामनवमी, रक्षाबंधन, भैयादूज आदि त्योहार इसी वर्ग में आते हैं। दूसरे वर्ग में राष्ट्रीय पर्व हैं। इन पर्वों में गणतन्त्र दिवस, स्वतन्त्रता दिवस, गांधी जयन्ती, अध्यापक दिवस बलिदान दिवस प्रमुख हैं।
ऊपर लिखे त्योहारों के अतिरिक्त कई और त्योहार भी हमारे देश में मनाए जाते हैं। ऐसे त्योहार सीमित क्षेत्र में मनाए जाते हैं। अतएव इन त्योहारों को स्थानीय त्योहार कहा जा सकता है। इन त्योहारों को भी लोग बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाते हैं।
श्रावणी का पर्व– श्रावण भारत की पूर्णमाशी के दिन मनाया जाता है। यह पर्व रक्षाबंधन के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन बहनें अपने भाईयों को राखी बांधती हैं। यह त्योहार भाई और बहन के पावन प्रेम का सूचक है। बहनें भाइयों को राखी बांधकर अपनी मर्यादा की रक्षा का वचन लेती हैं।
दशहरा भारत का बहुत ही प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्योहार है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं। इसी दिन राम ने रावण की हत्या की थी। यह दिवस सत्य की जीत का प्रतीक है। इस दिन तक राम लीलाओं की धूम मची रहती है।
दीपावली अत्यन्त ही प्रसन्नता और खुशियाँ भरा पर्व है। यह पर्व श्रीराम के अयोध्या आने की खुशी में मनाया जाता है। इसी प्रकार होली भी मौज मस्ती का त्योहार है। इन पर्वों के अतिरिक्त राजस्थान में गणनौर, केरल में ओणम शिवरात्रि, बसन्त पंचमी आदि त्योहार भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। ईद मुसलमानों का पर्व है और क्रिसमस का पर्व ईसाई लोग मनाते हैं।