तताँरा-वामीरो कथा' पाठ के लेखक कौन थे?
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Answer:
लीलाधर मंडलोई
Explanation:
इतना जरूर होता है कि इन किस्सों और कहानियों में कोई न कोई सीख छुपी होती है। अंदमान निकोबार द्वीपसमूह में भी बहुत तरह के किस्से - कहानियाँ मशहूर हैं। इनमें से कुछ को लीलाधर मंडलोई ने लिखा है। प्रस्तुत पाठ 'तताँरा वामीरो कथा' अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक छोटे से द्वीप पर केंद्रित है।
Answer:
तताँरा-वामीरो कथा' पाठ के लेखक लीलाधर मंडलोई थे |
लीलाधर मंडलोई के बारे में कुछ जानकारी :
मंडलोई का जन्म 1954 में भारतीय राज्य मध्यप्रदेश के छिंदवाडा जिले के गुढ़ी नामक गाँव में हुआ। मंडलोई ने भारत में बी.ए. बीएड. (अँग्रेज़ी) पत्राकारिता में स्नातक और एम॰ए॰ (हिन्दी) तक शिक्षा ग्रहण की और इसके बाद वे लन्दन चले गये जहाँ से प्रसारण में उच्च-शिक्षा (सी.आर.टी) ग्रहण की।
मंडलोई दूरदर्शन, आकाशवाणी के महानिदेशक सहित कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय समितियों के साथ ही प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं|
कुछ प्रसिद्ध किताव-
कृतियाँ
संपादित करें
कविता-संग्रह
घर-घर घूमा,
रात-बिरात,
मगर एक आवाज,
देखा-अदेखा,
ये बदमस्ती तो होगी,
देखा पहली दफा अदेखा,
उपस्थित है समुद्र
गद्य साहित्य
अंदमान-निकोबार की लोक कथाएँ,
पहाड़ और परी का सपना,
चाँद का धब्बा,
पेड़ भी चलते हैं,
बुंदेली लोक रागिनी|