tell me too short apathit gadyansh in Hindi
Answers
Answer:
please mark me as braniliest
Explanation:
जीवन में बहुत अंधकार है और अंधकार की ही भाँति अशुभ और अनीति है| कुछ लोग इस अंधकार को स्वीकार कर लेते हैं और तब उनके भीतर जो प्रकाश तक पहुँचने और पाने की आकांक्षा थी, वह क्रमशः क्षीण होती जाती है| मैं अंधकार की इस स्वीकृति को मनुष्य का सबसे बड़ा पाप कहता हूँ| यह मनुष्य का स्वयं अपने प्रति किया गया अपराध है| उसके दूसरों के प्रति किए गए अपराधों का जन्म इस मूल पाप से ही होता है| यह स्मरण रहे कि जो व्यक्ति अपने ही प्रति इस पाप को नहीं करता है, वह किसी के भी प्रति कोई पाप नहीं कर सकता है| किन्तु कुछ लोग अंधकार के स्वीकार से बचने के लिए उसके अस्वीकार में लग जाते हैं| उनका जीवन अंधकार के निषेध का ही सतत उपक्रम बन जाता है|
1. गधांश में 'अन्धकार' शब्द किस ओर संकेत करता है?
2441
A. पाप की ओर
B. बुराइयों और कठिनाइयों की ओर
C. अपराधों की ओर
D. गरीबी की ओर
Answer
Report
Comment
0
Votes
2. लेखक ने किसे सबसे बड़ा पाप कहा है?
2447
A. प्रकाश पाने की क्षीण आकांक्षा
B. मनुष्य का अपने प्रति पाप न करना
C. अंधकार को स्वीकार न करना
D. अन्धकार को स्वीकार कर लेना
Answer
Report
Comment
0
Votes
3. जब व्यक्ति स्वयं के प्रति किए गए अन्याय, शोषण के विरुद्ध आवाज नहीं उठाता, तो
2448
A. इससे दूसरों के प्रति अन्याय, शोषण को बढ़ावा मिलता है
B. वह केवल अपने प्रति अन्याय करता है
C. इससे शांति का माहौल बना रहता है
D. वह दण्ड का अधिकारी बन जाता है
Answer
Report
Comment
0
Votes
4. 'अन्धकार का निषेध' किस ओर संकेत करता है?
2451
A. अन्याय, शोषण, बुराइयों को सदा के लिए समाप्त करना
B. समाज में फैले अन्धकार को प्रकाश में बदल देना
C. समाज को अन्धकार से मुक्त करने के लिए प्रयत्नशील रहना
D. यह मानना कि समाज में अन्याय, शोषण, बुराइयाँ नहीं हैं
Answer
Report
Comment
0
Votes
5. इस गद्यांश का मुख्य उद्देश्य है
2454
A. अन्धकार और प्रकाश की व्याख्या करना
B. अन्याय और बुराइयों को दूर करने के लिए प्रेरित करना
C. तरह-तरह के लोगों की विशेषताएँ बताना
D. पाप और पुण्य की व्याख्या करना
Answer
Report
Comment
0
Votes