ten lines about kite in hindi
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1. ये Kite हवा में या हवा के बिना भी उड़ सकती हैं। हैलिकाइट पतंगे अन्य पतंगों की तुलना में एक अन्य स्थिरता सिद्धांत पर काम करती हैं क्योंकि हैलिकाइट हीलियम-स्थिर और हवा-स्थिर होती हैं।
2. अपने Kite पर विजय और वर्चस्व की आशाओं का बोझ लेकर हवा में उड़ती पतंग ने अपने अलग-अलग रूपों में दुनिया को न केवल एक रोमांचक खेल का माध्यम दिया, बल्कि एक शौक के रूप में यह विश्व की विभिन्न सभ्यता और संस्कृति में रच-बस गई।
3. एक समय में मनोरंजन के साधनों में सबसे प्रमुख था पतंगबाजी। समय के साथ -साथ पतंगबाजी का खेल अब कम हो गया है तो समय का अभाव ऊपर से खुले स्थानों की कमी होना।
4. आज के भाग दौड भरी ज़िन्दगी में समय की कमी के कारण यह शौक कम होता जा रहा है, लेकिन यदि अतीत पर दृष्टि डालें तो हम यह जान पाएँगे कि इस साधारण सी लगने वाली पतंग का भी मानव के जीवन में विकास कितना महत्वपूर्ण योगदान है।
5. राजस्थान पर्यटन विभाग की तरफ से हर साल तीन दिन तक पतंगबाजी प्रतियोगिता होती है जिसमें जाने-माने देश के पतंगबाज भाग लेते हैं। हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन परंपरागत रूप से पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है|
6. प्राचीनकाल से ही इंसान की इच्छा रही है कि वह मुक्त होकर आसमान में उड़े। इंसान की इसी इच्छा ने पतंग की उत्पत्ति के लिए एक प्रेरणा का काम किया। प्राचीन समय मे मनोरंजन के लिए उड़ाई जाने वाली पतंग आज पतंगबाजी के रूप में एक रिवाज, परंपरा और त्योहार बन गया है।
7. मुगल शासन काल में Kite की शान ही निराली थी। मुगल बादशाह और शहजादे इस खेल को बड़ी ही रुचि ओर आंनद से खेला करते थे। उस समय तो पतंगों के लड़ाने की प्रतियोगिताएं भी होती थीं।
8. पहले कागज को चौकोर काटकर पतंगें बनाई जाती थीं, किंतु आज एक से बढ़कर एक डिजाइन, आकार, आकृति एवं रंगों वाली भिन्न प्रकार की पतंगें बनाई जाती हैं ओर खुशी के साथ हवा में उड़ाते हैं। जिन्हें उड़ाने का एहसास अपने आपमें बहुत ही अनोखा और सुखद होता है।
9. Kite उड़ाते और काटते समय में छोटे-बड़े के सारे भेदभाव भूल जाते हैं। इस दिन चारों तरफ वो काटा, कट गई, लूटो, पकड़ो का शोर चारों तरफ मचता है। पतंग उड़ाने में कई बार हाथों में कट लगता है। इसीलिए उचका पकड़ने व पतंग उड़ाने वाले में सही तालमेल होना चाहिए।
10. वहीं सड़क पर पतंग लूटना भी परेशानी का कारण बन सकता है। अत: चारों तरफ ध्यान देकर ही पतंग लूटने का मजा उठा सकते हैं।आसमान में उड़ती हुई पतंग हमें स्वतंत्रता का एहसास दिलाती हैं | जिस तरह से वो आसमान में उडती पतंग स्वतंत्रता का प्रतिक मानी जाती हैं | लेकिन वो एक कच्चे धागे से बंधी हुई होती हैं | पतंग धागे में बंधने के कारण वो आसमान में ऊंचाई तक उड़ती हैं |
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1. ये Kite हवा में या हवा के बिना भी उड़ सकती हैं। हैलिकाइट पतंगे अन्य पतंगों की तुलना में एक अन्य स्थिरता सिद्धांत पर काम करती हैं क्योंकि हैलिकाइट हीलियम-स्थिर और हवा-स्थिर होती हैं।
2. अपने Kite पर विजय और वर्चस्व की आशाओं का बोझ लेकर हवा में उड़ती पतंग ने अपने अलग-अलग रूपों में दुनिया को न केवल एक रोमांचक खेल का माध्यम दिया, बल्कि एक शौक के रूप में यह विश्व की विभिन्न सभ्यता और संस्कृति में रच-बस गई।
3. एक समय में मनोरंजन के साधनों में सबसे प्रमुख था पतंगबाजी। समय के साथ -साथ पतंगबाजी का खेल अब कम हो गया है तो समय का अभाव ऊपर से खुले स्थानों की कमी होना।
4. आज के भाग दौड भरी ज़िन्दगी में समय की कमी के कारण यह शौक कम होता जा रहा है, लेकिन यदि अतीत पर दृष्टि डालें तो हम यह जान पाएँगे कि इस साधारण सी लगने वाली पतंग का भी मानव के जीवन में विकास कितना महत्वपूर्ण योगदान है।
5. राजस्थान पर्यटन विभाग की तरफ से हर साल तीन दिन तक पतंगबाजी प्रतियोगिता होती है जिसमें जाने-माने देश के पतंगबाज भाग लेते हैं। हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन परंपरागत रूप से पतंगबाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है|
6. प्राचीनकाल से ही इंसान की इच्छा रही है कि वह मुक्त होकर आसमान में उड़े। इंसान की इसी इच्छा ने पतंग की उत्पत्ति के लिए एक प्रेरणा का काम किया। प्राचीन समय मे मनोरंजन के लिए उड़ाई जाने वाली पतंग आज पतंगबाजी के रूप में एक रिवाज, परंपरा और त्योहार बन गया है।
7. मुगल शासन काल में Kite की शान ही निराली थी। मुगल बादशाह और शहजादे इस खेल को बड़ी ही रुचि ओर आंनद से खेला करते थे। उस समय तो पतंगों के लड़ाने की प्रतियोगिताएं भी होती थीं।
8. पहले कागज को चौकोर काटकर पतंगें बनाई जाती थीं, किंतु आज एक से बढ़कर एक डिजाइन, आकार, आकृति एवं रंगों वाली भिन्न प्रकार की पतंगें बनाई जाती हैं ओर खुशी के साथ हवा में उड़ाते हैं। जिन्हें उड़ाने का एहसास अपने आपमें बहुत ही अनोखा और सुखद होता है।
9. Kite उड़ाते और काटते समय में छोटे-बड़े के सारे भेदभाव भूल जाते हैं। इस दिन चारों तरफ वो काटा, कट गई, लूटो, पकड़ो का शोर चारों तरफ मचता है। पतंग उड़ाने में कई बार हाथों में कट लगता है। इसीलिए उचका पकड़ने व पतंग उड़ाने वाले में सही तालमेल होना चाहिए।
10. वहीं सड़क पर पतंग लूटना भी परेशानी का कारण बन सकता है। अत: चारों तरफ ध्यान देकर ही पतंग लूटने का मजा उठा सकते हैं।आसमान में उड़ती हुई पतंग हमें स्वतंत्रता का एहसास दिलाती हैं | जिस तरह से वो आसमान में उडती पतंग स्वतंत्रता का प्रतिक मानी जाती हैं | लेकिन वो एक कच्चे धागे से बंधी हुई होती हैं | पतंग धागे में बंधने के कारण वो आसमान में ऊंचाई तक उड़ती हैं |
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