Hindi, asked by Anonymous, 5 months ago


{\huge{\bf{\boxed{\underline{\overline  { Question :  - }}}}}}
1) लोकगीत में किन वाद्य-यंत्रों का प्रयोग होता है?
2) गोंड-खांड, ओराव-मुंडा, संथाल उपजातियाँ कहाँ पायी जाती हैं?
3) पहाड़ी गीत गाये जानेवाले स्थानों के नाम लिखिए?
4) उत्तरप्रदेश और पश्चिम बिहार में कौन से लोकगीत गाये जाते हैं?
5) बंगाल, पंजाब और राजस्थानी लोकगीत के नाम बताइए?
6) बिदेसिया की विशेषताएँ लिखिए?
7) बारहा गीत कैसे गाया जाता है?
8) आल्हा के रचयिता कौन थे? इसमें किसकी वीरता का वर्णन है?
9) नट कौन से गीत और कैसे गाते हैं?
10) महिलाओं द्वारा किन विशेष अवसरों पर लोकगीत गाये जाते हैं?
11) विद्यापति किस भाषा में लिखते थे?
12) गरबा क्या है?


{\large{\bf{\boxed{\underline{\overline  { chap :  -  लोकगीत}}}}}}

{\huge{\bf{\boxed{\underline{\overline  { Rules  :  - }}}}}}
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Answers

Answered by Anonymous
31

\huge{\boxed{\textbf{\textsf{\pink{Answers }}}}}

1).

  • इकतारा – एक तार वाला वाद्य
  • यंत्रसरपंच – पंचों में प्रमुख
  • तिराहा – जहाँ तीन रास्ते मिलते हैं।
  • दोपहर – दो पहर का
  • मिलनचारपाई – चार पायों वाली
  • छमाही – छह महीने में होने वाली
  • सप्तर्षि – सात ऋषियों का समूह
  • नवरात्र – नौ रात्रियों के समूह

2). संथाल जनजाति पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, मध्यप्रदेश तथा असम राज्यों में भी वास करती है।

3).घर, गाँव और नगर |

4). बड़ी जान होती है इनमें। चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियाली बंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं।

5). चैता, कजरी, बारहमासा, सावन आदि मिर्जापुर, बनारस और उत्तर प्रदेश के पूरबी और बिहार के पश्चिमी जिलों में गाए जाते हैं। बाउल और भतियालीबंगाल के लोकगीत हैं। पंजाब में माहिया आदि इसी प्रकार के हैं। हीर-राँझा, सोहनी-महीवाल संबंधी गीत राजस्थान में गाए जाते हैं।

6). बिदेसिया का शाब्दिक अर्थ 'विदेशी' की है। एक ही कहानी के चारों ओर कई काम करता है, मामूली बदलाव के साथ, बिदेसिया के रूप में दर्शकों पर पहुंच गया। यह मुख्य रूप से आदान-प्रदान मौजूदा भोजपुरी लोक गीतों और धुनों पर आधारित संगीत के माध्यम से जगह लेने के अधिकांश के साथ संगीत थियेटर है।

7). बारहमासा (पंजाबी में बारहमाहा) मूलतः विरह प्रधान लोकसंगीत है। वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहनी के मुँह से कराया गया हो। मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा रचित पद्मावत में वर्णित बारहमासा हिन्दी का सम्भवतः प्रथम बारहमासा है।

8). इसके रचयिता जगनिक हैं। वे कालिंजर तथा महोबा के शासक परमाल (परमर्दिदेव) के दरबारी कवि थे। आल्ह खंड में महोबा के दो प्रसिद्ध वीरों आल्हा और ऊदल के वीर चरित का विस्तृत वर्णन किया गया था।

9). नट पहाड़ी गीत है |

10). त्योहारों और विशेष अवसरों पर ये गाए जाते हैं। सदा से ये गाए जाते रहे हैं और इनके रचनेवाले भी अधिकतर गाँव के लोग ही हैं। स्त्रियों ने भी इनकी रचना में विशेष भाग लिया है। ये गीत बाजों की मदद के बिना ही या साधारण ढोलक, झाँझ, करताल, बाँसुरी आदि की मदद से गाए जाते हैं।

11). विद्यापति में वीर ,भक्ति और श्रृंगारी तीनों रूपों की सफल झलक दिखाई पड़ती है | विद्यापति की लोकप्रियता और प्रसिद्धि इनका पदावली काव्य है | यह बोलचाल की मैथिली भाषा में लिखित है |

12). आधुनिक गरबा रास से प्रभावीत एक नृत्य है जिसे परंपरागत पुरषों तथा महिलाओं द्वारा किया जाता है। आम तौर पर पुरुष और महिलाये रंगीन वेश-भूषा पहने हुए गरबा और डांडिया का प्रदर्शन करते हैं। लडकियाँ चनिया-चोली पहनती हैं और साथ मे विविध प्रकार के आभूषण पहनती हैं, तथा लडके गुजराती केडिया पहन कर सिर पर पगडी बांधते हैं।

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