1} ”श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे। सब शोक अपना भूलकर करतल युगल मलने लगे। ‘संसार देखे अब हमारे शत्रु रण में मृत पड़े। करते हुए यह घोषणा वे हो गए उठ कर खड़े।”
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा रस है?
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उत्तर
प्रस्तुत पंक्तियों में रौद्र रस का भाव है।
रौद्र रस का स्थायी भाव क्रोध है। विरोधी पक्ष द्वारा किसी व्यक्ति, देश या धर्म का अपमान या अपकार करने से उसकी प्रतिक्रिया में जो क्रोध उत्पन्न होता।
यहाँ अर्जुन आश्रय है। अभिमन्यु के वध के पश्चात् कौरवों द्वारा उल्लास - प्रदर्शन आलम्बन है। अभिमन्यु का मृत शरीर व श्री कृष्ण जी के वचन आश्रय है। अर्जुन के वाक्य जैसे हाथ मलना, मुख लाल होना, तन में कम्पन आदि अनुभव है अथवा उग्रता, गर्व , उत्साह आदि संचारी भाव भी है। इनके संयोग से क्रोध नामक स्थायी भाव उद्विग्न होकर रौद्र रस का भाव प्रकट किया गया है।
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