Kabir Singh के दोहे
Answers
Answered by
1
Kabir Singh के दोहे :-
1. यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान
2. शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान
3. सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज
4. सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए
5. ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।
6. औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।
Answered by
1
कबीर सिंह के दोहे :-
1. यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान
2. शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान
3. सब धरती काजग करू, लेखनी सब वनराज
4. सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाए
5. ऐसी वाणी बोलिए मन का आप खोये ।
6. औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ।
Similar questions